अमरावती भूमि घोटाला: आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर 22 जुलाई को होगी सुनवाई

By भाषा | Updated: July 13, 2021 15:28 IST2021-07-13T15:28:19+5:302021-07-13T15:28:19+5:30

Amaravati land scam: Andhra Pradesh government's plea to be heard on July 22 | अमरावती भूमि घोटाला: आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर 22 जुलाई को होगी सुनवाई

अमरावती भूमि घोटाला: आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर 22 जुलाई को होगी सुनवाई

नयी दिल्ली, 13 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह आंध्र प्रदेश सरकार की उस याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई करेगी, जिसमें पूर्ववर्ती तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) सरकार के दौरान अमरावती में भूमि सौदों में हुई कथित अनियमितताओं की एसआईटी (विशेष जांच दल) जांच पर रोक लगाने वाले उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है।

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ राज्य सरकार की इस दलील से सहमत नहीं है कि मामले को वापस उच्च न्यायालय में भेजा जाए क्योंकि मामले की जांच लगभग रुक गई है। राज्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने सुनवाई के दौरान कहा कि उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका ''शासन के प्रतिशोध'' का नतीजा है।

पीठ ने कहा कि अगर दोनों पक्ष इस बात पर सहमत होते हैं कि मामले की सुनवाई यहां होनी चाहिए, तो अदालत अपने विवेक का इस्तेमाल कर सकती है।

धवन ने कहा कि वह यह कहने की स्थिति में नहीं हैं कि मामले की सुनवाई यहां हो, लेकिन निर्देशों पर ‘‘मैं कह सकता हूं कि इसकी सुनवाई उच्च न्यायालय में होनी चाहिए, क्योंकि इस मामले में बहुत सारे तथ्य और कानून हैं तथा इसके अलावा, यह अंतरिम आदेश के खिलाफ है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के पूर्व महाधिवक्ता दम्मलपति श्रीनिवास द्वारा उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका की अधिकतर शर्तें स्वीकार कर ली हैं, जैसे कि वह अदालत की निगरानी में जांच के लिए तैयार है और मामले के लंबित रहने तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

श्रीनिवास की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि उनकी दलील थी कि राज्य सरकार द्वारा दायर अपील को खारिज किया जाए और मामला वापस उच्च न्यायालय में भेजा जाए। धवन ने कहा कि उच्च न्यायालय में कार्यवाही नहीं हो रही है और यहां तक कि जांच भी लगभग रुक गई है, इसलिए मामले को वापस भेज दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने पहले कभी जांच नहीं रोकी है। यह याचिका एक हारे हुए चुनाव के बाद प्रतिशोध लेने के लिए दायर की गई है।’’

साल्वे ने कहा कि अगर अदालत मामले के दस्तावेजों और प्राथमिकी को देखती है तो वह जांच रद्द कर देगी।

पीठ ने कहा कि वह एक सप्ताह बाद मामले की सुनवाई करेगी और अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

आंध्र प्रदेश सरकार ने पांच मार्च को न्यायालय से कहा कि वह राज्य की राजधानी अमरावती स्थानांतरित किए जाने के दौरान भूमि लेनदेन में हुयी कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच के लिए सहमत है।

इसके साथ ही राज्य सरकार ने कथित घोटाले की विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच पर आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा लगायी गयी रोक को हटाने तथा मामले में आगे जांच के लिए अनुमति देने का आग्रह किया।

वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने पिछली चंद्रबाबू नायडू नीत सरकार के कार्यकाल के दौरान की विभिन्न कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच के लिए पुलिस उप-महानिरीक्षक रैंक के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) रैंक के एक अधिकारी की अध्यक्षता में 10-सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था।

आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ से कहा कि वे राज्य के पूर्व महाधिवक्ता दम्मलपति श्रीनिवास द्वारा उच्च न्यायालय में किए गए कुछ अनुरोधों से सहमत हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Amaravati land scam: Andhra Pradesh government's plea to be heard on July 22

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे