कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर साबित नहीं हुआ यौन उत्पीड़न का आरोप

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 13, 2023 11:04 PM2023-04-13T23:04:42+5:302023-04-13T23:10:12+5:30

भारतीय पहलवानों द्वारा कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खिलाड़ियों द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोप साबित नहीं हुए हैं। बीते जनवरी में विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने दिल्ली के जंतर मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।

Allegations of sexual harassment against wrestling federation chief Brij Bhushan Sharan Singh not proved | कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर साबित नहीं हुआ यौन उत्पीड़न का आरोप

फाइल फोटो

Highlightsकुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप गलत साबित हुएविनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह के खि्लाफ लगाया था आरोपबृजभूषण शरण सिंह उत्तर प्रदेश के कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं

दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और और यूपी के कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ खिलाड़ियों द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोप साबित नहीं हुए हैं। बीते जनवरी में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के शीर्ष पहलवानों विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और कथितौर पर उसने कुश्तीसंघ में तानाशाही करने, यौन शोषण करने और खिलाड़ियों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया था।

पहलवानों ने खेल मंत्रालय से मांग की थी कि डब्ल्यूएफआई को भंग कर दिया जाए और बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए। पहलवानों के इतने गंभीर आरोप को देखते हुए खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को रोजाना के कामकाज से दूर रहने और साथ में यौन उत्पीड़न की शिकायतों के खिलाफ जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी के गठन का आदेश दिया था।

23 जनवरी को महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति बनी थी, जिसे पहलवानों की शिकायत पर जांच करके एक महीने में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था। हालांकि बाद में मंत्रालय ने कमेटी को रिपोर्ट पेश करने के लिए मियाद को दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया था और प्रदर्शनकारी पहलवानों के आग्रह पर जांच समिति में पहलवान बबीता फोगट को भी छठे सदस्य के रूप में शामिल कर लिया।

खबरों के अनुसार जांच समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में ही अपनी रिपोर्ट मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत कर दी थी लेकिन मंत्रालय ने उस समय रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया था। हालांकि, इस संबंध में खेल मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से पुष्टि की गई है कि पहलवानों की शिकायत पर गहन सुनवाई के बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप साबित नहीं कर सके हैं।

कमेटी की जांच में जो बात सामने आई है, उसमें सबसे अहम बात यह है कि पिछले साल बुल्गारिया दौरे के दौरान एक महिला फिजियो (नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है) को बृजभूषण शरण सिंह ने पीठ दर्द के इलाज के लिए मालिश करने के लिए कहा था। हालांकि उस महिला फिजियो ने सुनवाई के दौरान यौन उत्पीड़न जैसी किसी भी घटना के होने से इनकार किया है।

जानकारी के अनुसार महिला पहलवान विनेश और साक्षी ने भारतीय ओलंपिक संघ के जांच पैनल को लिखित हलफनामा बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप लगाया था, जिसकी अलग से से जांच की गई और अंत में उनके लगाये आरोप भी गलत पाये गये हैं।

विनेश ने अपने हलफनामे में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप लगाया था कि उन्होंने साल 2015 में तुर्की दौरे के दौरान उन्हें अनुचित तरीके से छुआ था। हालांकि, बाद में पता चला कि विनेश ने उस साल तुर्की में प्रतिस्पर्धा शामिल ही नहीं की थी। हालांकि बाद में विनेश ने कहा कि वास्तव में वह घटना 2016 में मंगोलिया दौरे के वक्त हुई थी।

वहीं साक्षी मलिक के हलफनामे की बात करें तो उन्होंने अपने हलफनामे में आरोप लगाया था कि साल 2015 में बृजभूषण सिंह ने उन्हें गले लगाया था बाद में बृजभूषण ने उनकी परेशानी को समझा और कहा कि उन्होंने एक पिता की तरह उन्हें गले लगाया था।

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