इलाहाबाद विश्वविद्यालयः कुलपति रतन लाल हांगलू का इस्तीफा स्वीकार, जानिए क्या है मामला
By भाषा | Published: January 3, 2020 12:33 PM2020-01-03T12:33:25+5:302020-01-03T12:33:25+5:30
अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा, ‘‘उनका इस्तीफा एचआरडी मंत्रालय ने राष्ट्रपति भवन भेजा था जिसे स्वीकार कर लिया गया है।’’ हांगलू ने बुधवार को इस्तीफा दिया था। वह कथित अनियमितताओं के कारण 2016 से जांच के दायरे में थे।
कथित वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं के कारण जांच के दायरे में आए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतन लाल हांगलू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा, ‘‘उनका इस्तीफा एचआरडी मंत्रालय ने राष्ट्रपति भवन भेजा था जिसे स्वीकार कर लिया गया है।’’ हांगलू ने बुधवार को इस्तीफा दिया था। वह कथित अनियमितताओं के कारण 2016 से जांच के दायरे में थे। यौन उत्पीड़न की शिकायतों से उचित तरीके से नहीं निपटने और छात्राओं की शिकायतों के निस्तारण के लिए उचित तंत्र नहीं होने के आरोपों को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने पिछले सप्ताह हांगलू को समन जारी किया था।
हंगलू वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर 2016 से निगरानी में थे। उन्हें यौन उत्पीड़न की शिकायतों को उपयुक्त ढंग से नहीं निपटाने और छात्राओं के लिए शिकायत निवारण प्रणाली की कमी को लेकर पिछले सप्ताह राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी तलब किया था। सूत्रों ने बताया कि हंगलू ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू समेत पांच प्रशासनिक अधिकारियों ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद संस्थान के लगभग सभी हॉस्टल वार्डन ने अपने अपने त्यागपत्र की पेशकश की है।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर चितरंजन कुमार ने बृहस्पतिवार को बताया, “लगभग सभी हॉस्टल वार्डन भी इस्तीफे की पेशकश करने जा रहे हैं। आज सुबह 8-10 हॉस्टल वार्डन से मेरी बात हुई है.. यह उनका अपना निर्णय है। इनमें गर्ल्स और ब्वॉयज हॉस्टल के वार्डन शामिल हैं। विश्वविद्यालय में बाहरी हस्तक्षेप बढ़ गया है और यह संस्थान की स्वायत्तता से भी जुड़ा मामला है।”
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हांगलू ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेजा।
डॉक्टर चितरंजन कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल, वित्त अधिकारी डॉक्टर सुनील कांत मिश्र और चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर राम सेवक दूबे ने भी बुधवार को ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा “मैं आज अपना इस्तीफा सौंप दूंगा।” प्रोफेसर हांगलू का कार्यकाल पांच वर्ष का था और उन्होंने एक वर्ष पूर्व ही विश्वविद्यालय के कुलपति के पद से इस्तीफा दे दिया। विश्वविद्यालय में कुल 15 या 16 हॉस्टल हैं। प्रोफेसर हांगलू पर महिला उत्पीड़न को लेकर भी आरोप लगा था और राष्ट्रीय महिला आयोग से शिकायत की गई थी। आयोग ने उन्हें दिल्ली तलब किया था।