बच्चा गोद लेने के लिए विवाह के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
By भाषा | Published: February 24, 2022 08:21 AM2022-02-24T08:21:42+5:302022-02-24T08:23:53+5:30
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू दत्तक एवं भरण पोषण अधिनियम, 1956 के तहत एकल व्यक्ति भी बच्चा गोद ले सकता है और इसके लिए विवाह या विवाह के पंजीकरण की जरूरत नहीं है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बच्चा गोद लेने के लिए विवाह के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। एक मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस संबंध में यह स्पष्ट किया। कोर्ट ने कहा कि हिंदू दत्तक एवं भरण पोषण अधिनियम, 1956 के तहत एकल व्यक्ति भी बच्चा गोद ले सकता है और इस कानून की धारा 8 और 7 के तहत विवाह या विवाह के पंजीकरण की जरूरत नहीं है।
जस्टिस डाक्टर कौशल जयेन्द्र ठाकर और जस्टिस विवेक वर्मा की खंडपीठ ने रीना किन्नर और एक अन्य व्यक्ति द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
क्या है पूरा मामला
याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, रीना का जन्म 29 जनवरी, 1983 को हुआ और जन्म के समय उसे बेटी समझा गया। बाद में पता चला कि वह किन्नर है।
वहीं दूसरा याचिकाकर्ता 32 वर्ष का युवक है। दोनों ने 16 दिसंबर, 2000 को वाराणसी के अर्दली बाजार स्थित महावीर मंदिर में विवाह कर लिया। याचिकाकर्ता एक बच्चा गोद लेना चाहते थे जिसके लिए हिंदू विवाह अधिनियम के तहत प्रमाण पत्र की जरूरत थी और इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया।
उनका विवाह पंजीकृत नहीं हो सका था क्योंकि याचिकाकर्ता रीना किन्नर है। अदालत ने पंजीयक को तीन दिसंबर, 2021 को किए गए इस आनलाइन आवेदन पर एक विस्तृत आदेश पारित का निर्देश दिया। अदालत ने यह आदेश नौ फरवरी, 2022 को पारित किया।