जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने के संघर्ष में सभी ‘विकल्प’ खुले हुए हैं : पीएजीडी

By भाषा | Published: June 9, 2021 10:36 PM2021-06-09T22:36:13+5:302021-06-09T22:36:13+5:30

All 'options' open in struggle to restore J&K's special status: PAGD | जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने के संघर्ष में सभी ‘विकल्प’ खुले हुए हैं : पीएजीडी

जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने के संघर्ष में सभी ‘विकल्प’ खुले हुए हैं : पीएजीडी

श्रीनगर, नौ जून पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने बुधवार को छह महीने में हुई पहली बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष में उसने अपने सभी ‘‘विकल्प’’ खुले रखे हैं।

पीएजीडी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने कोई भी विकल्प बंद नहीं किया है। वे (केंद्र) जब भी हमें आमंत्रित (वार्ता के लिए) करते हैं, हम इस पर चर्चा करेंगे।’’ बैठक पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के आवास पर हुई।

गठबंधन की पिछले वर्ष दिसंबर के बाद यह पहली बैठक है। उस वक्त जिला विकास परिषद् के चुनावों पर चर्चा के लिए बैठक हुई थी। इस वर्ष की शुरुआत में सज्जाद लोन के नेतृत्व वाले पीपुल्स कांफ्रेंस के गठबंधन से बाहर होने के बाद यह बैठक हुई है। लोन गठबंधन के प्रवक्ता थे। पीएजीडी ने बुधवार की बैठक के बाद माकपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी को अपना प्रवक्ता नामित किया।

जम्मू-कश्मीर के और बंटवारे के कयासों के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि पीएजीडी के नेताओं को उतना ही पता है जितना आम आदमी को। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमने भी आपकी ही तरह अफवाहों के बारे में सुना है। हमें नहीं पता है लेकिन हम अडिग हैं और विश्वास है कि अल्लाह हमारी हिफाजत करेगा।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि पांच अगस्त 2019 के बाद केंद्र द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को राजनीतिक दलों ने चुनौती दी है और हम कानूनी विकल्प को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण गठबंधन राजनीतिक रूप से बहुत कुछ नहीं कर सका। यह पूछने पर कि अगर केंद्र सरकार ने संघ शासित प्रदेश का और बंटवारा किया तो क्या वह संसद से इस्तीफा दे देंगे तो क्षुब्ध अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘नहीं।’’

पीएजीडी जम्मू-कश्कीर की कई मुख्य धारा की पार्टियों का गठबंधन है। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए पिछले वर्ष इसका गठन हुआ था। केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को राज्य के विशेष दर्जे के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था।

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