मंदी और बेरोजगारी पर मोदी सरकार को मिलकर घेरेंगे विपक्षी दल, संसद से सड़क तक संघर्ष का ऐलान

By भाषा | Updated: November 4, 2019 20:40 IST2019-11-04T20:40:01+5:302019-11-04T20:40:01+5:30

कांग्रेस द्वारा आहूत विपक्षी दलों की बैठक में 13 दल शामिल हुए, लेकिन समाजवादी पार्टी और बसपा जैसी दो प्रमुख पार्टियां इसमें शामिल नहीं हुईं। बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार को भी शामिल होना था। वे भी शामिल नहीं हो सके।

All opposition party meeting decided to surround Modi government on recession and unemployment | मंदी और बेरोजगारी पर मोदी सरकार को मिलकर घेरेंगे विपक्षी दल, संसद से सड़क तक संघर्ष का ऐलान

मंदी और बेरोजगारी पर मोदी सरकार को मिलकर घेरेंगे विपक्षी दल, संसद से सड़क तक संघर्ष का ऐलान

Highlightsकांग्रेस ने बुलाई थी सभी विपक्षी पार्टियों की बैठक, मोदी सरकार को घेरने की तैयारीसपा-बसपा और शरद पवार इस बैठक में शामिल नहीं हुए, मीटिंग में आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट पर हुई बात

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सोमवार को आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट जैसे मुद्दों पर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर संसद से सड़क तक संघर्ष का ऐलान किया। देश के कई प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में यह सहमति बनी कि अगले महीने संसद सत्र के दौरान इन मुद्दों को लेकर सरकार को मिलकर घेरा जाएगा।

कांग्रेस द्वारा आहूत विपक्षी दलों की बैठक में 13 दल शामिल हुए, लेकिन समाजवादी पार्टी और बसपा जैसी दो प्रमुख पार्टियां इसमें शामिल नहीं हुईं। बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार को भी शामिल होना था।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में चल रही सियासी उठापटक को लेकर संभवत: व्यस्त रहने के कारण वह शामिल नहीं हो सके। बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि इस वक्त देश में सब परेशान हैं, लेकिन सिर्फ भाजपा को परेशानी नहीं हैं क्योंकि उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं है।

विपक्ष के कई नेताओं की मौजूदगी में आजाद ने संवाददाताओं से कहा, 'समान विचारधारा वाले 13 दलों की बैठक थी। इस बैठक में आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, किसानों की समस्या और आरईसीपी पर चर्चा हुई।' 

उन्होंने कहा, 'देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। पढ़े-लिखे नौजवानों में बेरोजगारी ज्यादा है। नोटबंदी के बाद बेरोजगारी ज्यादा बढ़ी है।' 

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, 'अर्थव्यवस्था पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। आर्थिक विकास दर लगातार गिर रही है। अब हम सातवें नम्बर की अर्थव्यवस्था हो गयी है। हर क्षेत्र में गिरावट है।एनपीए आठ लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गए। बैंक जालसाजी बढ़ गयी है। अब तो ये रिजर्व बैंक को कमजोर कर रहे हैं।' 

आजाद ने दावा किया, 'कृषि विकास दर गिर गयी है। समर्थन मूल्य के नीचे उपज बिक रही है। कृषि उत्पादों पर जीएसटी लगाया गया है। ऐसी स्थिति है कि किसान आत्महत्या को मजबूर है। देश ने ऐसी संवेदनहीन सरकार 70 साल में कभी नहीं देखी।' 

उन्होंने कहा, 'अगर आरसीईपी पर हस्ताक्षर हो गया तो चीन के तमाम उत्पाद आयंगे तो देश की अर्थव्यवस्था का क्या होगा? यह एकतरफा समझौता है।' 

लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव ने कहा कि अगले महीने संसद सत्र के दौरान विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएगा। तारीख तय होगी और उसी कार्यक्रम के मुताबिक विपक्षी दल संसद के भीतर और सड़क पर सरकार को घेरेंगे।

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से कुछ दिनों पहले हुई इस बैठक में कांग्रेस के अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, रणदीप सुरजेवाला, द्रमुक के टी आर बालू, राजद के मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक, माकपा के टीके रंगराजन, भाकपा के डी राजा, राष्ट्रीय लोक दल के अजित सिंह, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, आईयूएमएल के कुनालिकुट्टी और रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा ने हिस्सा लिया।

Web Title: All opposition party meeting decided to surround Modi government on recession and unemployment

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे