नई दिल्ली, 01 जुलाई: अध्यक्ष पद छोड़ने की जिद पर अड़े राहुल गांधी के सामने आज उस समय बड़ा संकट खड़ा हो गया जब कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इन मुख्यमंत्रियों ने राहुल से आग्रह किया कि वे अपने पद पर बने रहे अन्यथा सभी मुख्यमंत्री अपना-अपना पद छोड़ देगें.
आज शाम राजधानी दिल्ली में राहुल के आवास पर पहुंचे मुख्यमंत्रियों ने जिनमें अशोक गहलोत, कमलनाथ, भूपेश बघेल, अमरेंद्र सिंह और नारायण सामी शामिल थे। सभी ने एक स्वर से राहुल को समझाने की कोशिश की कि उनके अलावा कोई दूसरा नेता इस संकट की घड़ी में पार्टी को नहीं उबार सकता है। अत: वे इस्तीफा देने की जिद छोड़कर पार्टी में आमूल-चूल परिवर्तन कर इसे नये सिरे से खड़ा करें.
सूत्र बताते है कि राहुल बावजूद इसके अपना पद छोड़ने की जिद पर अड़े नजर आए. लेकिन बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अन्य मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में दावा किया कि राहुल ने धैर्यपूर्वक उनकी बातों को सुना है और इसका सकारात्मक परिणाम जल्दी ही नजर आएगा.
गहलोत ने यह भी साफ किया कि मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा के दौरान राहुल को यह आश्वस्त किया गया कि चुनाव के दौरान उन्होंने कड़ी मेहनत की, उन्होंने जो मुद्दे उठाये वह सही और जमीनी मुद्दे थे लेकिन भाजपा ने धर्म और सेना की आड़ में जिस तरह वातावरण बनाया वह पूरी तरह झूठ पर आधारित था जिसका मुकाबला कांग्रेस नहीं कर सकी. गहलोत ने यह भी साफ किया कि चुनाव परिणामों के बाद ही उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश राहुल के सामने कर दी थी.
भले ही सभी मुख्यमंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश की हो, लेकिन सूत्रों का दावा था कि पंजाब को लेकर राहुल सकारात्मक रुख अपनाये हुए है और उन्हें कैप्टन अमरेंद्र सिंह से कोई शिकायत नहीं है क्योंकि वे अपने राज्य से 8 सांसदों को चुनवाने में सफल रहे हैं.
इससे पूर्व राहुल ने आज कश्मीर के नेताओं से भी मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान जो नेता मौजूद थे उनमें गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, गुलाम अहमद मीर के अलावा दूसरे नेता शामिल थे. इन नेताओं से मुलाकात करते समय राहुल का पूरा ध्यान राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों पर केंद्रित था नतीजा समूची चर्चा चुनावों की तैयारियों और उसके लिए बनायी जाने वाली रणनीति पर केंद्रित रहा.