अखिलेश यादव की पार्टी के सांसद ने संसद से सेंगोल को हटाने की मांग की, भाजपा ने किया पलटवार
By रुस्तम राणा | Updated: June 27, 2024 15:24 IST2024-06-27T15:21:39+5:302024-06-27T15:24:04+5:30
अपनी मांग के पीछे तर्क बताते हुए सपा सांसद आरके चौधरी ने कहा, "सेंगोल का मतलब है 'राज दंड'। इसका मतलब 'राजा का डंडा' भी है। राजसी व्यवस्था समाप्त होने के बाद देश स्वतंत्र हो गया। क्या देश 'राजा के डंडे' से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेंगोल को संसद से हटाया जाए।"

अखिलेश यादव की पार्टी के सांसद ने संसद से सेंगोल को हटाने की मांग की, भाजपा ने किया पलटवार
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने लोकसभा में ऐतिहासिक राजदंड सेंगोल की जगह संविधान लाने की मांग करके विवाद खड़ा कर दिया, जिस पर भाजपा और एनडीए के अन्य सहयोगियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को लिखे पत्र में आरके चौधरी ने सेंगोल को लोकतांत्रिक भारत में "राजशाही का कालभ्रमित प्रतीक" कहा।
अपनी मांग के पीछे तर्क बताते हुए चौधरी ने कहा, "सेंगोल का मतलब है 'राज दंड'। इसका मतलब 'राजा का डंडा' भी है। राजसी व्यवस्था समाप्त होने के बाद देश स्वतंत्र हो गया। क्या देश 'राजा के डंडे' से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेंगोल को संसद से हटाया जाए।" पिछले साल नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान लोकसभा में स्थापित सेंगोल को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ब्रिटिशों से भारतीयों को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में सौंपा गया था।
सपा सांसद की इस मांग पर भाजपा ने दी तीखी प्रतिक्रिया
चौधरी की टिप्पणी की भाजपा ने कड़ी आलोचना की, जिसमें पार्टी ने कहा कि समाजवादी पार्टी भारतीय और तमिल संस्कृति के अभिन्न अंग का अपमान करने पर "तुली हुई" है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "अगर यह राजशाही का प्रतीक था, तो पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने इसे क्यों स्वीकार किया? क्या वह उस प्रतीक और राजशाही को स्वीकार कर रहे थे।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए इंडिया ब्लॉक पर हमला बोला और कहा कि यह इंडिया ब्लॉक की तमिल संस्कृति के प्रति घृणा को दर्शाता है। आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, "समाजवादी पार्टी को भारतीय इतिहास या संस्कृति का कोई सम्मान नहीं है। सेंगोल पर उनके शीर्ष नेताओं की टिप्पणी निंदनीय है और उनकी अज्ञानता को दर्शाती है। यह विशेष रूप से तमिल संस्कृति के प्रति भारतीय गठबंधन की घृणा को भी दर्शाता है।"
Samajwadi Party has no respect for Indian history or culture. The remarks of their top leaders on the Sengol are condemnable and indicate their ignorance. It also shows INDI Alliance's hatred to Tamil culture in particular.
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 27, 2024
The Sengol is India's pride and it is a matter of…
लोजपा (रामविलास) सांसद चिराग पासवान ने भी पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस और कांग्रेस नीत सरकारों ने हमेशा ऐतिहासिक प्रतीकों को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, "ये लोग सकारात्मक राजनीति नहीं कर सकते... ये लोग केवल विभाजन की राजनीति करते हैं।"
'संसद से सेंगोल को हटाया जाना चाहिए'
वहीं राजद सांसद और लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती ने कहा कि सेंगोल को हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। उन्होंने कहा, "सेंगोल को संग्रहालय में रखा जाना चाहिए, जहां लोग आकर इसे देख सकें।" राजद सांसद मनोज झा ने भी समाजवादी पार्टी का बचाव किया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री का आचरण राजाओं जैसा है - आभूषण, कपड़े, मंगलसूत्र, मुजरा। संविधान की प्रतिकृति लगाना बेहतर है। यह देश को चलाएगा।"