नोटबंदी में पैदा हुए 'खजांची' की फीस भरेंगे अखिलेश यादव, कहा- "अब बड़ा हो गया है ‘खजांची’, ग़रीबी को उसके विकास में बाधा नहीं बनने देंगे"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 1, 2022 04:45 PM2022-11-01T16:45:09+5:302022-11-01T16:49:44+5:30

नोटबंदी के दौरान बैंक की लाइन में जन्म लेने वाले 'खंजाची' को घर देने के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि वो बड़े हो रहे खजांची की शिक्षा का भी सारा खर्च खुद ही उठाएंगे।

Akhilesh Yadav will pay the fees of the cashier born in demonetisation, said- "Now the 'treasurer' has grown up, will not let poverty become a hindrance in his development" | नोटबंदी में पैदा हुए 'खजांची' की फीस भरेंगे अखिलेश यादव, कहा- "अब बड़ा हो गया है ‘खजांची’, ग़रीबी को उसके विकास में बाधा नहीं बनने देंगे"

फाइल फोटो

Highlightsअखिलेश यादव नोबंदी की लाइन में जन्मे कानपुर के 'खजांची' की पढ़ाई का सारा खर्च उठाएंगेअखिलेश यादव ने कहा कि वो नहीं चाहते कि गरीबी के कारण खजांची की शिक्षा प्रभावित होअखिलेश यादव साल 2018 में खजांची के दूसरे जन्मदिन पर तोहफे में घर भी गिफ्ट कर चुके हैं

लखनऊ: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादवनोटबंदी के दौरान बैंक की लाइन में जन्म लेने वाले 'खंजाची' पर एक बार फिर मेहरबान नजर आ रहे हैं। साल 2018 में खजांची को उसके दूसरे जन्मदिन पर तोहफे में मकान देने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ऐलान किया है कि वो बड़े हो रहे खजांची की शिक्षा का सारा खर्च खुद उठाएंगे।

बढ़ती हुई महंगाई पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि वो इस बात का ध्यान रखेंगे कि गरीबी के कारण उसकी शिक्षा प्रभावित न हो। इसलिए वो उसकी पढ़ाई का सारा खर्च खुद वहन करेंगे ताकि वो पढ़-लिखकर एक अच्छा इंसान बने।

पिता मुलायम सिंह के दिवंगत होने के बाद सक्रिय राजनीति की तरफ फिर से वापसी करते हुए अखिलेश यादव ने खजांची की पढ़ाई को लेकर ट्वीट करते हुए कहा, "नोटबंदी की लाइन में जन्म लेने पर मजबूर ‘खजांची’ अब बड़ा हो गया है, उसकी ग़रीबी उसके विकास में बाधा न बने, इसीलिए हमने उसकी पढ़ाई पूरी कराने की ज़िम्मेदारी ली है। शिक्षा की शक्ति से व्यक्तित्व की दूसरी शक्तियां जन्म लेती हैं। शैक्षिक सशक्तीकरण से बड़ा कोई अन्य सशक्तीकरण नहीं होता।"

नोटबंदी के वक्त 2 दिसंबर 2016 को पैदा होने वाला खजांची कानपुर देहात के सरदार पुरवा का रहने वाला है लेकिन वो अपनी मां के साथ अपने पिता के घर नहीं बल्कि ननिहाल में अनंतपुर में रहता है। खजांची तब पैदा हुआ था, जब उसकी मां सर्वेषा नोटबंदी के बाद पंजाब नेशनल बैंक की लाइन पैसा निकलाने के लिए खड़ी थीं।

यूपी में उस समय अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, जो केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी के मुखर आलोचक थे। खजांची जैसे ही पैदा हुआ समाजवादी पार्टी के लोग उसे कानपुर से लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास पहुंचे, जिन्होंने उसका नाम 'खजांची' रखा था और साथ में एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी थी। 

Web Title: Akhilesh Yadav will pay the fees of the cashier born in demonetisation, said- "Now the 'treasurer' has grown up, will not let poverty become a hindrance in his development"

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