बल्ला कांड: बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने जेल से रिहा होते ही भगवान से किया प्रार्थना, बोले 'वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दें'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 30, 2019 10:59 AM2019-06-30T10:59:49+5:302019-06-30T10:59:49+5:30
इंदौर नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने वाले बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय रविवार (30 जून) को जेल से रिहा हो गए। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने कहा कि हम जनता की भलाई के लिए लगातार काम करते रहेंगे।
जेल से रिहा होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय का तेवर अभी भी पहले जैसा ही है। बाहर आते ही उन्होंने कहा कि- ऐसी स्थिति जब एक महिला को पुलिस के सामने घसीटा जा रहा हो, मैं कुछ और करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था। मैनें जो किया उस पर शर्मिंदा होने वाली कोई बात नहीं है। लेकिन मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं 'कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दें।'
Akash Vijayvargiya, BJP MLA: In such a situation when a woman was being dragged in front of police, I couldn't think of doing anything else, not embarrassed at what I did. But I pray to god 'ki vo dobara ballebazi karne ka avsar na de.' #MadhyaPradeshpic.twitter.com/n9OJSfvgMR
— ANI (@ANI) June 30, 2019
इंदौर नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने वाले बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय रविवार (30 जून) को जेल से रिहा हो गए। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने कहा कि हम जनता की भलाई के लिए लगातार काम करते रहेंगे।
इससे पहले भोपाल की विशेष अदालत ने बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को जमानत दे दी थी। लेकिन "लॉक-अप" के तय समय तक स्थानीय जेल प्रशासन को उनकी जमानत का अदालती आदेश नहीं मिल पाने के कारण आकाश विजयवर्गीय को कारागार में लगातार चौथी रात गुजारनी पड़ी।
जानिए क्या है पूरा मामला
आकाश विजयवर्गीय (34) बीजेपी विधायक भी हैं। शहर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान बुधवार को बड़े विवाद के बाद आकाश ने नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था।
कैमरे में कैद पिटाई कांड में गिरफ्तारी के बाद विजयवर्गीय को बुधवार को यहां एक स्थानीय अदालत के सामने पेश किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बीजेपी विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके साथ ही, उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के तहत जिला जेल भेज दिया था। न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद रहने के दौरान भाजपा विधायक को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के पुराने मामले में बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आकाश की अगुवाई में चार जून को शहर के राजबाड़ा चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान यह पुतला जलाया था। लेकिन इस प्रदर्शन के लिये प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी। लिहाजा विजयवर्गीय और बीजेपी के अन्य प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।