Amritpal Singh Case: '24 घंटे में सिख युवकों को करो रिहा, नहीं तो...', अकाल तख्त के जत्थेदार ने राज्य सरकार को दिया अल्टीमेटम
By भाषा | Updated: March 28, 2023 07:57 IST2023-03-28T07:41:35+5:302023-03-28T07:57:14+5:30
बैठके के दौरान अकाल तख्त के जत्थेदार ने कुछ टीवी चैनलों पर भी हमला बोला है और आरोप लगाया कि उन्होंने कथित तौर पर उन युवकों को अलगाववादी बताकर सिखों के खिलाफ नफरत फैलाई है।

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
अमृतसर: अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरपीत सिंह ने सोमवार को राज्य सरकार को उन सभी युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया, जिन्हें कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिया गया है।
सीएम मान ने इनकी रिहाई को लेकर क्या कहा है
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक से उन लोगों को रिहा करने के लिए कहा है जिन्हें एहतियातन हिरासत में लिया गया था और उनकी किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि में संलिप्तता नहीं पाई गई है। जालंधर में एक कार्यक्रम से इतर मान ने कहा कि जो भी राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की कार्रवाई की जत्थेदार ने निंदा की है
जत्थेदार ने पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के लिए राज्य सरकार की निंदा की है। सिखों की सर्वोच्च पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार ने यहां सिख संगठनों, बुद्धिजीवियों, सिख वकीलों, पत्रकारों, धार्मिक और सामाजिक नेताओं की बैठक बुलाई थी, जिसमें 18 मार्च को अमृतपाल के नेतृत्व वाले संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के बाद पंजाब के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई है।
जत्थेदार ने सरकार को दिया 24 घंटे का समय
जत्थेदार ने सभा को संबोधित करते हुए पंजाब सरकार को सभी सिख युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का समय दिया और कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो सिख समुदाय का गुस्सा उबलता रहेगा। उन्होंने कुछ टीवी चैनलों पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि उन्होंने कथित तौर पर उन युवकों को अलगाववादी बताकर सिखों के खिलाफ नफरत फैलाई है।
जत्थेदार ने राज्य सरकार से एनएसए के तहत हिरासत में लिए कुछ लोगों को छोड़ने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि असम में डिब्रूगढ़ जेल भेजे गए लोगों को पंजाब वापस लाया जाना चाहिए, ताकि कानून अपना काम कर सके। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि हिरासत में लिए गए सिखों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।
'हिंदू राष्ट्र' की बात करने वालों के खिलाफ भी लगे रासुका-ज्ञानी हरपीत सिंह
यही नहीं सिंह ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि 'हिंदू राष्ट्र' की बात करने वालों के खिलाफ भी रासुका लगाया जाना चाहिए। जत्थेदार ने कहा कि वह उन 'निर्दोष सिखों' की पूरी मदद करेंगे, जिन्हें इस मामले में पकड़ा गया है। जत्थेदार ने दावा किया कि लगभग 400 सिख युवकों को "गिरफ्तार" किया गया था और 198 को रिहा कर दिया गया है, लेकिन सिख समुदाय सभी गिरफ्तार सिखों की रिहाई चाहता है।