चंडीगढ़: पंजाब के अजनाला में हुई हिंसा के मामला थमता जर नहीं आ रहा है। एक ओर जहां पंजाब सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। पंजाब कांग्रेस ने अल्टीमेटम जारी करते हुए पुलिस अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो अजनाला में पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले दोषियों सहित अमृतपाल को गिरफ्तार किया जाए या उनकी पार्टी को आने को मजबूर किया जाए कि वह सड़कों पर उतरें।
पुलिस को लिखे पत्र में वारिंग ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लो खुलेआम घूम रहे हैं और सरकार व पुलिस का मजाक बना रहे हैं। इस घटना ने सरकार में आम पंजाबियों के विश्वास को हिला कर रख दिया है। जनता को लगता है कि जब पुलिस खुद ही सुरक्षित नहीं होगी तो आम आदमी की सुरक्षा कैसी करेगी।
गौरतलब है कि अजनाला में गुरुवार, 23 फरवरी को वारिस पंजाब डे के संस्थापक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने लाठी-डंडे, तलवारों और धारदार हथियारों के साथ अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। खालिस्तान समर्थकों ने खुलेआम तलवारें और बंदूकें लहराईं, बैरिकेड्स तोड़कर पुलिस स्टेशन में दाखिल हो गए।
अमृतपाल और उसके समर्थक जेल में बंद अपने सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान को रिहा कराने के लिए पुलिस से सीधे भीड़ गए। इस हिंसक झड़प में पंजाब पुलिस के करीब 6 जवानों को गंभीर रूप से चोटे आईं।
क्या कहा कांग्रेस अध्यक्ष ने?
कांग्रेस अध्यक्ष राजा वारिंग ने कहा कि यह ऐसी घटना थी जिसके बारे में कभी किसी ने नहीं सोचा था। पंजाब में आतंकवाद के काले दिनों के दौरान भी ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि जब पुलिस राज्य के इतिहास में सबसे खराब प्रकार के आतंकवाद का सामना कर रही थी तब भी पुलिस इतना निराश और हताश महसूस नहीं कर रही थी, जितना अब।
वारिंग ने दावा किया कि जिस घटना में अमृतपाल और उसके आदमियों ने पुलिस थाने का उल्लघंन करते हुए कथित तौर पर गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया, उसने पंजाब के विश्वास को हिला कर रख दिया है। हालांकि, अपराधी "स्कॉट-फ्री" घूम रहे थे, उन्होंने आरोप लगाया कि अमृतपाल सिंह की खतरनाक और नापाक गतिविधियों के बारे में लगभग चार महीने पहले जब उन्होंने डीजीपी को पत्र लिखा था तब उन्होंने उन्हें आगाह किया था।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि वह जहर उगल रहे थे और पंजाब की शांति और इसके सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने के लिए बाहर हैं न तो मेरे पत्र का कोई नोट लिया गया और न ही उसकी गतिविधियों पर कोई जांच की गई। अब उनका हौसला इतना बढ़ गया है कि थाने का घेराव करने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने का दुस्साहस कर बैठे हैं।
बता दें कि अजनाला कांड को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। इससे पहले सीएम मान ने पहले कहा था कि उनकी सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखेगी और किसी को भी इसकी मेहनत से बनी शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।