बढ़ सकती है अजीत पवार की मुश्किलें, दिल्ली में खुली सिंचाई घोटाले की फाइल, सूचनाएं जूटा रहीं केंद्रीय एजेंसी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 16, 2020 08:10 AM2020-01-16T08:10:03+5:302020-01-16T08:10:03+5:30
नागपुर और अमरावती एसआईटी के पास करीब 15 मामलों की जांच प्रलंबित है. उनपर आगामी दिनों में मामले दर्ज होना तय है.
जगदीश जोशी
सिंचाई घोटाले में मुंबई के आदेश पर एसीबी ने भले ही उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को 'क्लिन चिट' दे दी है लेकिन दिल्ली के आदेश पर 'क्लिन बोल्ड' करने की तैयारी आरंभ हो गई है. बीते एक पखवाड़े से दिल्ली में सिंचाई घोटाले को लेकर बैठकों का दौर चल रहा है. घोटाले का गहन अध्यन करके रूपरेखा बनाई जा रही है. आगामी कुछ दिनों में बैठकों का सामने आनेवाला है. ज्ञात हो कि सिंचाई घोटाले को लेकर हाल में राज्य की राजनीति गरमाई हुई है.
2011 में सीएजी ने भी 7 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला होने की रिपोर्ट दी थी. 2012 में एक जनहीत याचिका में 70 हजार करोड़ का घोटाला होने का दावा किया गया है. इसपर तत्कालीन देवेंद्र फड़नवीस सरकार ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए अजीत पवार, छगन भुजबल और सुनील तटकरे की जांच करने का आश्वासन दिया था. इसकी नागपुर और अमरावती के एसीबी को जांच सौंपकर एसआईटी का गठन किया गया था. दोनों एसीआईटी ने अबतक सिंचाई घोटाले में 24 मामले दर्ज किए है.
इन मामलों 200 करोड़ की धोखाधड़ी और गबन होने का सामने आया है. उनमें अधिकारी और ठेकेदार सहित 50 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया है. नागपुर और अमरावती एसआईटी के पास करीब 15 मामलों की जांच प्रलंबित है. उनपर आगामी दिनों में मामले दर्ज होना तय है. जिससे घोटाले की राशि 300 करोड़ से अधिक होना तय माना जा रहा है.