एयरसेल:: अदालत ने चिदंबरम व बेटे के खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान लेने को लेकर फैसला सुरक्षित रखा
By भाषा | Published: November 22, 2021 08:51 PM2021-11-22T20:51:10+5:302021-11-22T20:51:10+5:30
नयी दिल्ली, 22 नवंबर दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कहा कि वह एयरसेल मैक्सिस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंरबरम, उनके बेटे व अन्य के खिलाफ सीबीआई व ईडी की ओर से दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेगी या नहीं इस पर 27 नवंबर को आदेश पारित करेगी।
अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए गए क्रमश: भ्रष्टाचार व धन शोधन के मामलों के संबंध में कुछ सवाल किए थे जिसका जवाब दोनों एजेंसियों ने दायर कर दिया है। इसके बाद विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायाधीश ने कहा, “ अदालत की ओर से मांगे गए कुछ स्पष्टीकरण को आज प्रस्तुत किया गया है। संज्ञान लेने पर विचार/आदेश के लिए मामले को 27 नवंबर के लिए सूचीबद्ध किया जाए।”
ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक एनके मित्तल पेश हुए जबकि सीबीआई का प्रतिनिधित्व वकील नूर रामपाल ने किया।
जांच एजेंसियों ने पहले अदालत को सूचित किया था कि एजेंसियों ने जांच के संबंध में कुछ जानकारी मांगने के लिए ब्रिटेन और सिंगापुर को अनुरोध पत्र (एलआर) भेजे थे और उस संबंध में कुछ उपलब्धि मिली है।
यह मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।
यह मंजूरी 2006 में दी गई थी जब चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि चिदंबरम ने कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी क्षमता से बाहर जाकर सौदे को मंजूरी दी थी और इसके लिए रिश्वत ली थी।
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