नयी दिल्ली, 22 सितंबर वर्ष 2005 के बाद पहली बार अपने नये वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश जारी करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ ही प्रदूवायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े खतरों में एक है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसके नये वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश का लक्ष्य लाखों लोगों को वायु प्रदूषण से बचाना है।
उसने एक बयान में कहा, ‘‘ नये विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश (एक्यूजी) पहले की समझ के विपरीत निम्न सांद्रता पर भी मानव स्वास्थ्य को वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसान पर स्पष्ट सबूत प्रस्तुत करते हैं।’’
ये दिशानिर्देश अहम वायु प्रदूषकों में कमी लाकर लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नये वायु गुणवत्ता स्तरों की सिफारिश करते हैं। ये प्रदूषक जलवायु परिवर्तन में भी भूमिका निभाते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘‘ डब्ल्यूएचओ के पिछले 2005 के सूचकांक के बाद ऐसे सबूत बहुत अधिक आये हैं जो दर्शाते हैं कि कैसे वायुप्रदूषण स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं। उस कारण से तथा संकलित सबूतों की व्यवस्थित समीक्षा के बाद डब्ल्यूएचओ ने एक्यूजी के सभी स्तरों में नीचे की ओर फेरबदल किया एवं चेतावनी जारी की कि नये वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश स्तरों का संबंध स्वास्थ्य पर अहम जोखिमों से है।
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