असदुद्दीन ओवैसी ने PM मोदी को टैग की संविधान की प्रस्तावना, महाकाल एक्सप्रेस में 'शिव' के लिए आरक्षित सीट पर उठाए सवाल
By स्वाति सिंह | Published: February 17, 2020 09:30 AM2020-02-17T09:30:07+5:302020-02-17T09:33:48+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी से काशी महाकाल एक्सप्रेस को रवाना किया। इसमें एक सीट भगवान शिव के लिए भी आरक्षित है। यह एक्सप्रेस दो राज्यों के तीन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को काशी महाकाल एक्सप्रेस का उद्घाटन किया, जिसमें एक सीट भगवान शिव के लिए सेफ रखी गई है। जिसके बाद से विपक्षों ने सवाल खड़े कर दिए।
सोमवार को ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए हैं। दरअसल, रविवार को समाचार एजेंसी एएनआई ने वाराणसी में काशी महाकाल एक्सप्रेस के बी5 कोच में सीट नंबर 64 को मंदिर के रूप में बदल दिया गया है।
यहां भगवान शिव का छोटा सा मंदिर बनाया गया है, ताकि ट्रेन में भी लोगों को भगवान शिव के दर्शन करने को मिलें। इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए संविधान की प्रस्तावना को साझा किया। ओवैसी इससे पहले भी मोदी सरकार पर धर्म के आधार पर राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं, जिसमें नागरिकता संशोधन एक्ट, नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन को लागू करना भी शामिल है।
Sir @PMOIndiahttps://t.co/HCeC9QcfW9pic.twitter.com/6SMJXw3q1N
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 17, 2020
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी से काशी महाकाल एक्सप्रेस को रवाना किया। इसमें एक सीट भगवान शिव के लिए भी आरक्षित है। यह एक्सप्रेस दो राज्यों के तीन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा करेगी। ट्रेन में भगवान शिव के लिए सीट आरक्षित करने के नए विचार के बाद रेलवे प्रशासन इस पर विचार कर रहा है कि ट्रेन में स्थायी तौर पर ‘भोले बाबा’ के लिए एक सीट आरक्षित की जाए।
यह ट्रेन इंदौर के निकट ओंकारेश्वर, उज्जैन में महाकालेश्वर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ को जोड़ेगी। उत्तरी रेलवे के लिए प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि कोच संख्या बी5 की सीट संख्या 64 भगवान के लिए खाली की गई है। रेलवे ने आईआरसीटीसी संचालित तीसरी सेवा शुरू की है। यह ट्रेन उत्तर प्रदेश के वाराणसी से मध्य प्रदेश के इंदौर तक जाएगी। कुमार ने कहा, ‘‘ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सीट भगवान शिव के लिए आरक्षित और खाली रखी गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सीट पर एक मंदिर भी बनाया गया है ताकि लोग इस बात से अवगत हों कि यह सीट मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल के लिए है।” कुमार ने कहा कि ऐसा स्थायी तौर पर करने के लिए विचार किया जा रहा है। वाराणसी से इंदौर के बीच सप्ताह में तीन बार चलने वाली इस ट्रेन में भक्ति भाव वाली हल्की ध्वनी से संगीत बजेगा और प्रत्येक कोच में दो निजी गार्ड होंगे और यात्रियों को शाकाहारी खाना परोसा जाएगा।