ओडिशा रेल हादसे के बाद शवों को संभाल कर रखने का संकट खड़ा हुआ, मुर्दाघरों में जगह कम पड़ी

By भाषा | Published: June 4, 2023 05:25 PM2023-06-04T17:25:25+5:302023-06-04T17:27:31+5:30

भुवनेश्वर एम्स में 100 शव रखे गए हैं जबकि बाकी शव कैपिटल अस्पताल, अमरी अस्पताल, सम अस्पताल एवं अन्य निजी अस्पतालों में भेजे गये हैं। भुवनेश्वर एम्स के प्रशासन ने शवों की पहचान होने तक उन्हें संभालकर रखने के लिए बड़ी संख्या में ताबूत, बर्फ और फार्मलिन रसायन खरीदा है। गर्मी के इस मौसम में शवों को संभालकर रखना मुश्किल है।

After the Odisha train accident crisis of keeping the dead bodies less space in the mortuaries | ओडिशा रेल हादसे के बाद शवों को संभाल कर रखने का संकट खड़ा हुआ, मुर्दाघरों में जगह कम पड़ी

हादसे के बाद ओडिशा सरकार के सामने एक नया संकट

Highlightsहादसे के बाद ओडिशा सरकार के सामने एक नया संकटमुर्दाघरों में ऐसे शवों का ढेर लगा है जिनकी अभी शिनाख्त नहीं हो पायी हैलावारिस शवों की संख्या इतनी अधिक है कि मुर्दाघरों में जगह कम पड़ गई

भुवनेश्वर: बालासोर ट्रेन हादसे के बाद ओडिशा सरकार के सामने एक नया संकट खड़ा हो गया है। मुर्दाघरों में ऐसे शवों का ढेर लगा है जिनकी अभी शिनाख्त नहीं हो पायी है या जिन्हें लेने के लिए कोई दावेदार सामने नहीं आए हैं । ऐसे लावारिस शवों की संख्या इतनी अधिक है कि मुर्दाघरों में जगह कम पड़ गई है। बड़ी संख्या में ऐसे शवों से निपटने में असमर्थ ओडिशा सरकार ने बालासोर से 187 शवों को भुवनेश्वर भिजवाया लेकिन यहां भी जगह की कमी शवगृह प्रशासकों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है।

भुवनेश्वर एम्स में 100 शव रखे गए हैं जबकि बाकी शव कैपिटल अस्पताल, अमरी अस्पताल, सम अस्पताल एवं अन्य निजी अस्पतालों में भेजे गये हैं। भुवनेश्वर एम्स के एक अधिकारी ने कहा, "यहां भी शवों को संभालकर रखना हमारे लिए एक असल चुनौती है क्योंकि हमारे यहां अधिकतम 40 शवों को रखने की सुविधा है।" उन्होंने कहा कि शरीर रचना विभाग में अतिरिक्त इंतजाम किये गये हैं। भुवनेश्वर एम्स के प्रशासन ने शवों की पहचान होने तक उन्हें संभालकर रखने के लिए बड़ी संख्या में ताबूत, बर्फ और फार्मलिन रसायन खरीदा है। सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने शनिवार को दुर्घटनास्थल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के दौरान उनके सामने शवों को संभालकर रखने के सिलसिले में उत्पन्न स्थिति की ओर ध्यान आकृष्ट किया।

अधिकारी ने कहा कि गर्मी के इस मौसम में शवों को संभालकर रखना वाकई मुश्किल है। सूत्रों ने बताया कि दुर्घटनास्थल से ही प्रधानमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात की तथा इन शवों को भुवनेश्वर एम्स में रखवाने का इंतजाम करवाने को कहा। मांडविया तत्काल रात में ही भुवनेश्वर आये और उन्होंने यहां कई बैठकें की। ओडिशा के मुख्य सचिव पी के जेना ने कहा कि शनिवार को 85 एम्बुलेंस से शव भुवनेश्वर लाये गये और अन्य 17 शव रविवार को लाये गये।

ओडिशा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव शालिनी पंडित ने पीटीआई-भाषा से कहा किसभी शव (मुर्दाघरों की कमी के कारण) प्रशीतन भंडारण गृह में रखे गये हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रशासन के लिए इन शवों की शिनाख्त एक बड़ी चुनौती है क्योंकि दुर्घटना में मारे गये लोग विभिन्न राज्यों के हैं। उन्होंने कहा कि इन यात्रियों का ब्योरा तीन वेबसाइटों-- विशेष राहत आयुक्त, भुवनेश्वर नगर निगम और ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइटों पर डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन मृत यात्रियों की फोटो युक्त सूची भी वेबसाइटों पर अपलोड कर दी गयी है ताकि उनकी पहचान करने में सहूलियत हो। मुख्य सचिव ने कहा कि बालासोर रेल हादसे के मृतकों की तस्वीरें केवल उनकी पहचान के लिए डाली गयी है क्योंकि ये तस्वीरें मन विचलित कर देने वाली हैं।

उन्होंने कहा, ‘किसी को भी विशेष राहत आयुक्त (ओडिशा) की अनुमति के बगैर इन तस्वीरों को किसी भी रूप में प्रकाशित या प्रसारित नहीं करना चाहिए।’ एक डाक्टर ने पीटीआई को बताया, ‘शव क्षत विक्षत हालत में हैं । मैंने एक व्यक्ति का केवल सिर देखा, उसके शरीर के बाकी अंगों के नाम पर कुछ नहीं था।’ इस बीच भुवनेश्वर नगर निगम के कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है । लोग इस कार्यालय से संपर्क कर शवों के बारे में सूचनाएं हासिल कर सकते हैं और उनकी शिनाख्त में मदद कर सकते हैं। इस हादसे में कम से कम 275 लोग मारे गए हैं और 1100 से अधिक घायल हैं। 

Web Title: After the Odisha train accident crisis of keeping the dead bodies less space in the mortuaries

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