लाइव न्यूज़ :

हिमाचल की बाढ़ में राज्य की 'पर्यटन इंडस्ट्री के डूबने' का खतरा, बुकिंग रद्द कर रहे हैं पर्यटक, घबराए हुए हैं होटल संचालक

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 14, 2023 13:51 IST

राज्य में हुए जलप्रलय के बाद सैकड़ों सड़कें और संपर्क मार्ग तबाह हो गए हैं। एक ओर पर्यटक पहले ही अपनी आगामी महीनों की बुकिंग रद्द कर रहे हैं। वहीं होटलों तक जाने वाली सड़के बह जाने से आने वाले समय में भी पर्यटन पर असर पड़ने की आशंका है। होटल संचालक इसे लेकर घबराए हुए हैं।

Open in App
ठळक मुद्देजलप्रलय के बाद सैकड़ों सड़कें और संपर्क मार्ग तबाह हो गए हैंहोटलों तक जाने वाली सड़के बह जाने से आने वाले समय में भी पर्यटन पर असर पड़ने की आशंकापर्यटक अपनी आगामी महीनों की बुकिंग रद्द कर रहे हैं

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश से तबाही के बाद करोड़ों का नुकसान हुआ है जबकि कई लोगों को इस आपदा में जान गवानी पड़ी है। इसके अलवा राज्य पर एक नया खतरा संकट आ गया है। दरअसल हिमाचल की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा पर्यटन से आने वाली कमाई पर निर्भर है। देश और दुनिया भर के पर्यटक साल भर हिमाचल जाते रहते हैं जिससे होटल इंडस्ट्री गुलजार रहती है। लेकिन राज्य में हुए जलप्रलय के बाद सैकड़ों सड़कें और संपर्क मार्ग तबाह हो गए हैं। एक ओर पर्यटक पहले ही अपनी आगामी महीनों की बुकिंग रद्द कर रहे हैं। वहीं होटलों तक जाने वाली सड़के बह जाने से आने वाले समय में भी पर्यटन पर असर पड़ने की आशंका है। होटल संचालक इसे लेकर घबराए हुए हैं।

अपनी चिंताओं के बारे में एएनआई से बात करते हुए हिमाचल के होचल व्यवसायी  राजिंदर सिंह ठाकुर कहते हैं, "पर्यटन व्यवसाय को 100% नुकसान हुआ है, मैं शिमला, कसौली और मनाली में होटल चलाता हूँ। बाढ़ और बारिश के कारण ज्यादातर जगहों पर सड़क संपर्क नहीं है। पर्यटक दहशत में हैं। कोविड के बाद यह हमारे पर्यटन व्यवसाय के लिए एक और झटका है, हम बस पर्यटन व्यवसाय को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे थे और इस बारिश और बाढ़ ने हमें उल्टा झटका दिया है। पर्यटकों ने राज्य में अगले तीन महीनों के लिए जो एडवांस बुकिंग कराई थी, उसे रद्द कर दिया है। इन दिनों हमारे पास होटल का एक भी कमरा बुक नहीं है।"

बता दें कि हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन विभाग ने बुलेटिन जारी कर 24 जून से लेकर 12 जुलाई तक भारी बारिश और नदियों में आए उफान के से मची तबाही का ब्यौरा दिया है। इसके अनुसार  राज्य में करीब 170 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। 594 मकान आंशिक तौर पर प्रभावित हैं। प्रदेश में अबतक 51 लैंडस्लाइड हुए हैं। 32 फ्लैशफ्ल्ड हुए। जिसमें 88 लोगों ने इस दौरान अपनी जान गवाई।  राज्य में करीब 1,189 सड़कें अभी भी बंद हैं। 3,737 वाटर सप्लाई स्कीम बाधित हैं।  लोक निर्माण विभाग को 710. 71 करोड़ का नुकसान हुआ है। जल विभाग को 501. 30 करोड़ का नुकसान हुआ है।  बागवानी विभाग को 75. 27 करोड़ का और शहरी विभाग को 3.15 करोड़ का नुकसान हुआ है। 

हिमाचल में ब्यास और पावर्ती नदियों ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। उफनाई नदियों के पानी की ताकत इतनी थी कि घर ताश के पत्ते की तरह गिर गए और गाड़ियां तिनके की तरह बह गई। राज्य को कुल मिलाकर 5 हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान है।

टॅग्स :हिमाचल प्रदेशपर्यटनबाढ़
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतजलवायु परिवर्तन का शिकार होती महिलाएं 

विश्वदुनियाभर में आफत?, हांगकांग में आग, 128 मरे, थाईलैंड में बाढ़ से 145 की मौत और श्रीलंका में बाढ़-भूस्खलन से 56 की मौत

भारतकौन हैं विनय कुमार?, वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह की जगह होंगे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

भारतनमनाश स्याल कौन थे? दुबई एयर शो के दौरान तेजस क्रैश में जान गंवाने वाले पायलट

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि