पंजाब हार के बाद राहुल गांधी हरियाणा में हुए एक्टिव, पार्टी की बैठक में बोले, 'एकजुट होकर लड़ें भाजपा के खिलाफ'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 25, 2022 08:56 PM2022-03-25T20:56:17+5:302022-03-25T21:01:25+5:30
राहुल गांधी ने दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस की बैठक करके सभी नेताओं से कहा कि सभी को "सामूहिक जिम्मेदारी" स्वीकार करने और "सामूहिक नेतृत्व" के तहत साल 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ लड़ना चाहिए। इस बैठक में विवेक बंसल, कुमारी शैलजा, भूपिंदर सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी, कुलदीप बिश्नोई और दीपेंद्र हुड्डा शामिल हुए।
दिल्ली: हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को हरियाणा कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
इस बैठक में राहुल गांधी ने सभी को "सामूहिक जिम्मेदारी" स्वीकार करने और "सामूहिक नेतृत्व" के तहत साल 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लड़ने के लिए कहा। राहुल गांधी की डेढ़ घंटे चली इस बैठक को पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मौजूदा समय में हरियाणा के 90 सदस्यीय सदन में 31 विधायकों के साथ कांग्रेस मुख्य विपक्ष पार्टी है। कांग्रेस नेतृत्व द्वारा पंजाब के उलट हरियाणा में पार्टी के भीतर चल रहे आंतरिक गतिरोध को समाप्त करते हुए चुनाव के लिए पार्टी को एकजुट बनाने का कवायद तेज हो गई है।
हरियाणा में कांग्रेस का नेतृत्व की कमान पार्टी प्रभारी विवेक बंसल, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) की प्रमुख कुमारी शैलजा, विधानसभा में विपक्ष की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के साथ राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के हाथों में शामिल है। इस बैठक में इन नेताओं के अलावा किरण चौधरी, कुलदीप बिश्नोई और दीपेंद्र हुड्डा भी शामिल थे।
मीटिंग के बाद समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पूर्व सीएम भूपिंदर हुड्डा ने कहा, “राहुल गांधी के नेतृत्व में हुई इस बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि सभी को एकजुट रहना है और अगले चुनाव को पूरे दिल के साथ एकजुट होकर चुनाव लड़ना है। बैठक में भाग लेने वाले सभी लोगों ने अपने विचार रखे। पार्टी के नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन दिलों में कोई मतभेद नहीं हैं। हम सब एकजुट होकर अगला चुनाव लड़ेंगे।”
सूत्रों के मुताबिक बैठक में हरियाणा कांग्रेस की कमान कुमारी शैलजा की जगह किसी युवा नेता को दिये जाने पर बात हुई लेकिन राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से संकेत दे दिया कि फिलहाल पार्टी ऐसा कोई बदलाव नहीं करेगी।
बैठक के बाद हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने कहा, “मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में राहुल गांधी ने पार्टी की हरियाणा इकाई के शीर्ष नेतृत्व की यह बैठक बुलाई थी। सबने अपनी-अपनी राय रखी। अंत में यह निर्णय लिया गया कि पार्टी का पूरा नेतृत्व सामूहिक रूप से भाजपा के खिलाफ विधानसभा के अंदर और बाहर अपनी आवाज को बुलंद करेगा।”
हरियाणा कांग्रेस की प्रमुख कुमारी शैलजा ने कहा, “राहुल जी ने सभी को खुलकर बोलने के लिए कहा। सभी ने अपनी चिंताओं को साझा किया और न केवल हरियाणा में बल्कि अन्य राज्यों में भी राजनीतिक परिदृश्य के बारे में चर्चा की गई। मेरा सरोकार मूल रूप से संगठन से था, जिसके संबंध में मैंने अपनी बाते सामने रखीं। कई अन्य लोगों ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और यहां तक कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के हालिया प्रदर्शन के बारे में बात की। राहुल जी ने सबकी बात सुनी और कहा कि सभी को अपना काम एक साथ रखना होगा और सड़कों पर उतरना होगा, जनता तक पहुंचना होगा।"
मालूम हो कि हाल में संपन्न हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस साल 2017 के अपने 77 सीटों के प्रदर्शन से फिसलकर इस बार 18 सीटों पर आ गई है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू सहित कांग्रेस के लगभग सभी बड़े नेता अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए।
वहीं हरियाणा कांग्रेस भी आंतरिक गुटबाजी से बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रही है। हरियाणा कांग्रेस की प्रमुख कुमारी शैलजा की अध्यक्षता में हुई पार्टी की अधिकांश बैठकों में हुड्डा खेमे के ज्यादार विधायक गैरहाजिर रहते हैं।
शैलजा के साथ पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर और भूपिंदर सिंह हुड्डा के बीच अनबन की खबरें लगातार आती रहती हैं। आखिरकार इस गुटबाजी से तंग आकर अशोक तंवर ने तो पार्टी कर छोड़ दी थी।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि आगामी चुनावों में इस गुटबाजी के कारण पार्टी के प्रदर्शन पर असर न पड़े, इसके लिए कांग्रेस हाईकमान ने यह बैठक बुलाई थी।