सियासतः किसी मुख्यमंत्री को पद पर बनाए रखते हुए चुना जाए कांग्रेस अध्यक्ष?

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: July 4, 2019 19:38 IST2019-07-04T19:38:16+5:302019-07-04T19:38:16+5:30

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत या पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह बेहतर पसंद हो सकते हैं. इन दोनों की पहचान तो राष्ट्रीय स्तर पर है ही, राजस्थान और पंजाब के लोग कार्य-व्यवसाय के कारण पूरे देश में सक्रिय हैं.

After Rahul Gandhi resign Who could become the next Congress President? Here’s a list | सियासतः किसी मुख्यमंत्री को पद पर बनाए रखते हुए चुना जाए कांग्रेस अध्यक्ष?

सियासतः किसी मुख्यमंत्री को पद पर बनाए रखते हुए चुना जाए कांग्रेस अध्यक्ष?

Highlightsनए कांग्रेस अध्यक्ष में स्वप्रेरित कार्य करने की क्षमता होनी चाहिए और लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए कि 2024 में केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनानी है. राहुल गांधी का कहना है कि इस बार नया अध्यक्ष चुनाव के जरिए चुना जाएगा और गांधी परिवार से बाहर का होगा.

राहुल गांधी के सार्वजनिक इस्तीफे के बाद कांग्रेस इस वक्त अध्यक्ष विहीन है. ऐसे में देश की सबसे पुरानी और बड़ी राजनीतिक पार्टी के सामने नेतृत्व का सवालिया निशान है. अगले हफ्ते पार्टी वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई जा सकती है, जिसमें अंतरिम अध्यक्ष पर निर्णय हो सकता है, जो पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने तक पूरा कामकाज देखेगा.राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस सदी में सियासी तस्वीर और राजनीति के तौर-तरीके पूरी तरह से बदल गए हैं, लिहाजा स्थापित राजनीतिक पैमानों से हट कर, सियासी जरूरत के नजरिए से फैसले लेने की जरूरत है. लिहाजा, पद पर बनाए रखते हुए कांग्रेस के किसी मुख्यमंत्री को यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत या पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह बेहतर पसंद हो सकते हैं. इन दोनों की पहचान तो राष्ट्रीय स्तर पर है ही, राजस्थान और पंजाब के लोग कार्य-व्यवसाय के कारण पूरे देश में सक्रिय हैं, इसलिए उनका काम आसान भी हो सकता है, जैसे देश-विदेश में गुजरातियों के समर्थन के कारण से पीएम मोदी टीम का काम आसान होता गया.किसी भी संगठन के विस्तार में सत्ता की बड़ी भूमिका है. यदि अमित शाह को केन्द्र की पीएम मोदी सरकार का सियासी संरक्षण प्राप्त नहीं होता, तो बीजेपी का विस्तार भी इतना आसान नहीं होता. कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष मुख्यमंत्री रहते हुए यदि कांग्रेस संगठन के विस्तार का कार्य करेगा तो बेहतर नतीजे मिल सकते हैं, जबकि सीएम पद छोड़ कर केवल संगठन का काम करना आसान नहीं है.

नए कांग्रेस अध्यक्ष में स्वप्रेरित कार्य करने की क्षमता होनी चाहिए और लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए कि 2024 में केन्द्र में कांग्रेस की सरकार बनानी है. केवल जिम्मेदारी लेकर दिल्ली तक सीमित रहने वाले अध्यक्ष के दम पर 2024 में चुनावी फतह संभव नहीं है.उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से सार्वजनिक इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर चार पेज की चिट्ठी जारी करते हुए इस्तीफे का ऐलान किया था. इसके बाद से ही कांग्रेस पार्टी में हलचल मची हुई है.

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पार्टी का नया अध्यक्ष कौन होगा, हालांकि राहुल गांधी का कहना है कि इस बार नया अध्यक्ष चुनाव के जरिए चुना जाएगा और गांधी परिवार से बाहर का होगा. इसका जिक्र उन्होंने अपनी चिट्ठी में भी किया है.राहुल गांधी ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि- चुनाव में हार की जिम्मेदारी किसी को तो लेनी होगी, मैं अध्यक्ष हूं, इसलिए मैं ये जिम्मेदारी लेता हूं. यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी को तुरंत वर्किंग कमेटी की बैठक बुलानी चाहिए और नया अध्यक्ष चुनना चाहिए.

 राहुल गांधी के इस्तीफे देने के निर्णय को उनकी बहन प्रियंका गांधी ने सराहा है. प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया- कुछ ही लोगों में राहुल गांधी की तरह फैसला लेने की हिम्मत होती है. वह उनके इस निर्णय का समर्थन करती हैं. बहरहाल, सियासी हलकों में उम्मीद की जा रही है कि अब जल्दी ही कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल जाएगा. यदि पद पर बनाए रखते हुए किसी मुख्यमंत्री को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जाती है, तो शायद अशोक गहलोत या अमरिंदर सिंह यह जिम्मेदारी लेने के लिए राजी हो सकते हैं?

Web Title: After Rahul Gandhi resign Who could become the next Congress President? Here’s a list

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