बिहार में गोल्ड माइंस मिलने के बाद अब पेट्रोलियम भंडार मिलने की है संभावना, ओएनजीसी ने शुरू की जांच प्रक्रिया

By एस पी सिन्हा | Published: May 31, 2022 07:07 PM2022-05-31T19:07:04+5:302022-05-31T19:18:50+5:30

बिहार सरकार ने समस्तीपुर और बक्सर जिलों में गंगा किनारे तेल भंडार की उपस्थिति का आकलन करने को खोज (अन्वेषण) के लिए पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस (पीईएल) की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

After getting gold mines in Bihar, there is a possibility of getting petroleum reserves, ONGC started the investigation process | बिहार में गोल्ड माइंस मिलने के बाद अब पेट्रोलियम भंडार मिलने की है संभावना, ओएनजीसी ने शुरू की जांच प्रक्रिया

सांकेतिक तस्वीर

Highlightsबिहार में सोने की खान मिलने के बाद अब मिलने के बाद अब पता चला पेट्रोलियम भंडार का बिहार सरकार को समस्तीपुर में और बक्सर के गंगा बेसिन में पता चला तेल का भंडार राज्य सरकार का खान एवं भूतत्व विभाग ओएनजीसी की मदद से शुरू की अन्वेषण की प्रक्रिया

पटना: बिहार में गोल्ड माइंस मिलने के बाद अब पेट्रोलियम का भंडार मिलने की संभावना जताई जा रही है। अब तेल भंडार को लेकर खोज की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

बिहार सरकार ने समस्तीपुर और बक्सर जिलों में गंगा किनारे तेल भंडार की उपस्थिति का आकलन करने को खोज (अन्वेषण) के लिए पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस (पीईएल) की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इस संबंध खान विभाग के अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा ने बताया कि समस्तीपुर (308.32 वर्ग किमी) के क्षेत्र में और गंगा बेसिन में बक्सर (52.13 वर्ग किमी) में तेल भंडार की स्थिति आकलन करने के लिए खोज की प्रक्रिया बहुत ही जल्द शुरू की जाएगी।

इस संबंध में राज्य सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग ने दोनों जिलों के प्रशासनिक प्रमुखों को पहले ही अवगत करा दिया है। इसके लिए जल्द ही अन्वेषण की प्रक्रिया शुरू होगी।

उन्होंने कहा कि ओएनजीसी ने तेल की खोज एवं उत्पादन के लिए जीवी-ओएनएचपी-2021/1(समस्तीपुर) और जीवी-ओएनएचपी-2021/2 (बक्सर) के लिए ओपन एरिया लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) के तहत पीईएल प्रदान किए जाने के लिए आवेदन किया है।

ओएनजीसी ने दोनों खंडों के लिए पीईएल के अनुदान के लिए क्षेत्र के नक्शे और सूची की प्रतियों के साथ आवेदन शुल्क का भुगतान भी किया है।

इसने खान एवं भूविज्ञान विभाग को लिए अनुरोध पत्र में कहा है कि क्षेत्र के लिए एक पीईएल पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियम 1959 के नियम 5(1) के प्रावधानों के तहत दिया जा सकता है। पीईएल की अभीष्ट अवधि चार वर्ष है।

वहीं, इस संबंध में विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पहला चरण में नवीनतम भूकंपीय डाटा रिकॉर्डिंग प्रणाली का उपयोग करके 2डी भूकंपीय सर्वेक्षण करने का होगा। इसके बाद उन्नत तकनीक का उपयोग करके भू-रासायनिक सर्वेक्षण शुरू होगा। सर्वेक्षणों को आने वाले दिनों में गुरुत्वाकर्षण चुंबकीय और मैग्नेटो-टेल्यूरिक (एमटी) सर्वेक्षणों के साथ पूरा किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण से उत्पन्न डेटा का अध्ययन या व्याख्या उच्च तकनीक वाले वर्कस्टेशन पर परिष्कृत सॉफ्टवेयर के साथ की जाएगी ताकि उन इलाकों में संभावित क्षेत्र का पता लगाया जा सके।

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी राज्य के कुछ हिस्सों में तेल भंडार की खोज की गई थी लेकिन कोई व्यावसायिक खोज नहीं हुई थी। हालांकि, इसने आगे की खोज के लिए मूल्यवान भूवैज्ञानिक जानकारी एकत्र करने में मदद की थी। 

Web Title: After getting gold mines in Bihar, there is a possibility of getting petroleum reserves, ONGC started the investigation process

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