ट्रंप के बयान पर भारत के इनकार के बाद अमेरिका ने कहा- कश्मीर द्विपक्षीय मसला, पाक करे पहले आतंक पर कार्रवाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 23, 2019 08:23 AM2019-07-23T08:23:37+5:302019-07-23T08:23:37+5:30
पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान दिया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कश्मीर मुद्दे पर उनसे मदद के लिए कहा है। साथ ही ट्रंप ने कहा- 'अगर मैं इस विवाद को सुलझाने में मदद करता हूं तो मुझे खुशी होगी।'
पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से कथित तौर पर कश्मीर पर अमेरिकी मध्यस्थता की बात कहे जाने के डोनाल्ड ट्रंप के दावे और फिर भारत के ऐसी किसी पेशकश से इनकार के बाद अमेरिका ने अब अपने सुर बदले हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मसला है और अगर भारत-पाकिस्तान मिलकर इस पर बैठ कर बात करते हैं तो अमेरिका इसका स्वागत करेगा। साथ ही प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी हर कदम पर इस चर्चा में दोनों देशों की मदद के लिए तैयार है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने ये भी कहा कि उसे लगता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत तभी सफल होगी जब पाकिस्तान आतंक पर ठोस कार्रवाई करे। अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, 'हमें लगता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत तभी सफल होगी जब पाकिस्तान अपने क्षेत्र में आतंकवाद पर ठोस कदम उठाए। यह सबकुछ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को करना है और यह पाकिस्तान का अंतर्राष्ट्रीय दायित्व भी है।'
US State Department Spokesperson to ANI: While Kashmir is a bilateral issue for both parties to discuss,the Trump administration welcomes Pakistan&India sitting down&the United States stands ready to assist.
— ANI (@ANI) July 23, 2019
साथ ही अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, 'हम हर उस कोशिश का समर्थन करेंगे जिससे तनाव कम हो और बातचीत के लिए माहौल बने। इसमें सबसे पहले आतंकवाद की समस्या पर काम करना महत्वपूर्ण है। जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा हम मदद के लिए तैयार हैं।'
US State Dept Spox to ANI: We believe foundation for any successful dialogue between India & Pak is based on Pak taking sustained&irreversible steps against terrorists on its territory.These actions are in line with PM Khan’s stated commitments&, Pak’s international obligations.
— ANI (@ANI) July 23, 2019
गौरतलब है कि पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान एक बयान दिया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कश्मीर मुद्दे पर उनसे मदद के लिए कहा है। साथ ही ट्रंप ने कहा- 'अगर मैं इस विवाद को सुलझाने में मदद करता हूं तो मुझे खुशी होगी।'
ट्रंप के इस बयान पर मचे विवाद के बाद भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए कभी भी कोई ऑफर नहीं दिया। साथ ही अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद ब्रैड शेरमैन ने भी कहा, 'सभी जानते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी ऐसी बात नहीं करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप का ये बयान गलत और शर्मनाक है।'