कोरोना के बीच एक और खतरनाक बीमारी ने दी दस्तक, अहमदाबाद में 44 लोग अस्पताल में भर्ती, 9 की मौत

By विनीत कुमार | Updated: December 18, 2020 08:42 IST2020-12-18T08:32:43+5:302020-12-18T08:42:41+5:30

कोरोना महामारी संकट के बीच देश में 'म्यूकोरमिकोसिस' (Mucormycosis) के मामले बढ़े हैं। फंगल इंफेक्शन से होने वाली ये बीमारी कोरोना से उबर रहे लोगों को काफी प्रभावित कर रही है।

After Covid 19 another disease mucormycosis strikes where in Ahmedabad people 44 hospitalised 9 dead | कोरोना के बीच एक और खतरनाक बीमारी ने दी दस्तक, अहमदाबाद में 44 लोग अस्पताल में भर्ती, 9 की मौत

कोरोना संकट के बाद 'म्यूकोरमिकोसिस' के बढ़े मामले (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlights'म्यूकोरमिकोसिस' के मामले आमतौर पर कम आते हैं लेकिन इसे काफी गंभीर माना गया हैकोरोना के बाद 'म्यूकोरमिकोसिस' के मामलों में तेजी आई है, फंगल इंफेक्शन से होती है बीमारीदिल्ली-मुंबई समेत अहमदाबाद में मिले हैं म्यूकोरमिकोसिस के केस

कोरोना का प्रकोप जहां एक ओर देश भर में जारी है वहीं एक और बीमारी 'म्यूकोरमिकोसिस' (Mucormycosis) ने अधिकारियों और प्रशासन के कान खड़े कर दिए हैं। इस बीमारी से जुड़े मामले आमतौर पर कम आते हैं लेकिन इसे काफी गंभीर माना जाता है। 

हाल के दिनों में इसके मरीज बढ़े हैं। ये फंगस से होने वाली एक बीमारी है। फिलहाल देश की राजधानी दिल्ली समेत मुंबई में 'म्यूकोरमिकोसिस' के कुछ मामले सामने आए हैं। वहीं गुजरात के अहमदाबाद में कम से कम 44 मामले सामने आए हैं और इसमें 9 की मौत हो गई है।

Mucormycosis: क्या है 'म्यूकोरमिकोसिस' बीमारी

'म्यूकोरमिकोसिस' को पहले 'जिगोमिकोसिस' कहा जाता था। ये बीमारी फंगल संक्रमण (Fungal infection) से होती है। 'म्यूकोरमिसेट्स' नाम की फंफूदी से होने वाली इस बीमारी के मामले ऐसे तो काफी कम आते हैं लेकिन इसे काफी गंभीर भी माना गया है। 

ये फंफूदी हमारे ही वातावरण में होते हैं। इसका संक्रमण आम तौर पर नाक से शुरू होता है और आंखों तक फैल जाता है। इसका जल्द इलाज अगर शुरू किया जाता है तो बीमारी को ठीक किया जा सकता है। हालांकि, अगर लापरवाही हुई या इसे छोड़ दिया गया तो ये जानलेवा तक साबित हो सकता है।

'म्यूकोरमिकोसिस' बीमारी में जैसे-जैसे संक्रमण फैलता है, ये आंखों की पुतली के आसपास की मांसपेशियों को पैरालाइज कर देता है। इसे आगे जाकर अंधापन हो सकता है। अगर फंगल संक्रमण ब्रेन तक पहुंचा तो मरीज को मस्तिष्क ज्वर (Meningitis) भी हो सकते हैं।

Mucormycosis: 'म्यूकोरमिकोसिस' से कैसे लोगों पर सबसे ज्यादा खतरा

'म्यूकोरमिकोसिस' मुख्य रूप से उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जिन्हें पहले से स्वास्थ्य समस्याएं हैं या वे ऐसी दवाएं लेते हैं जो कीटाणुओं और बीमारी से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम करते हैं।  

ऐसे में कोविड -19 या कोविड के बाद उबरने वाले लोगों पर इसका बहुत खतरा रहता है। वहीं, मधुमेह और स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोग पर भी जोखिम रहता है। 

अहमदाबाद में अधिकांश मरीज जो सिविल अस्पताल में इस बीमारी के कारण भर्ती कराए गए हैं, उनमें ज्यादातर को या तो मधुमेह था या फिर कोरोना से उबर रहे थे। ऐसे में यदि आपकी नाक में सूजन या दर्द है या फिर नजर धुंधली लगती है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

Mucormycosis: 'म्यूकोरमिकोसिस' के कितने मामले आए हैं सामने

दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में दो दिन पहले तक 'म्यूकोरमिकोसिस' के 12 मामले सामने आ चुके थे। मुंबई में भी मामले सामने आए हैं और अहमदाबाद में तो अस्पताल में भर्ती के 44 केस आए हैं। इसमें 9 की मौत हो गई है।

अहमदाबाद में जितने भी केस आए हैं, उन मरीजों की उम्र 50 से अधिक है। हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कोविड से उबर रहे लोगों को 'म्यूकोरमिकोसिस' से सावधान रहने की नसीहत दी थी।

विशेषज्ञों के अनुसार 'म्यूकोरमिकोसिस' से बचने के लिए जरूरी है कि स्वच्छता बनाए रखें। सभी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें और नियमित रूप से अपने हाथ धोते रहे। साथ ही अपनी आंखों और नाक को बार-बार छूने से बचें।

अगर आपको अपनी नाक, आंख या गले में कोई सूजन नजर आता है, तो चेकअप के लिए जरूर डॉक्टर के पास जाएं। 'म्यूकोरमिकोसिस' बीमारी का जल्द से जल्द पता लगा लेना ही इसके उपचार के लिए महत्वपूर्ण है।

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