रात्रि विश्राम के बाद पंजाब के किसानों ने ‘दिल्ली मार्च’ फिर शुरू किया
By भाषा | Published: November 28, 2020 12:35 PM2020-11-28T12:35:05+5:302020-11-28T12:35:05+5:30
चंडीगढ़, 28 नवंबर केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत पंजाब के किसानों ने रात्रि विश्राम के बाद शनिवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिर से शुरू किया जबकि पहले ही हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं तक पहुंच चुके हैं।
हरियाणा पुलिस ने पंजाब से लगती सीमा और दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर से शुक्रवार शाम तक सभी अवरोधक हटा लिए थे। सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी, सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प और आंसूगैस के गोले एवं पानी की बौछार का सामना करने के बाद उत्तरी दिल्ली के एक मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए पहुंच चुके हैं जबकि हजारों की संख्या में किसान अब भी दिल्ली की सीमा पर मौजूद हैं और उन्होंने अभी यह फैसला नहीं लिया है कि वहीं प्रदर्शन करें या पुलिस द्वारा निर्धारित स्थल पर जाकर अपना विरोध दर्ज कराएं।
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के नेता शिंगरा सिंह ने शनिवार को कहा, ‘‘हरियाणा के रोहतक जिले के मेहम में रात्रि विश्राम करने के बाद हमने सुबह फिर से दिल्ली की ओर कूच कर दिया है।’’
उन्होंने बताया कि किसानों के एक अन्य समूह ने हरियाणा के जींद जिले के जुलाना में रात्रि विश्राम किया और उन्होंने भी दिल्ली की यात्रा शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि किसानों ने शुक्रवार को हरियाणा-पंजाब के बीच डबवाली और खानौरी सीमा पर लगे अवरोधकों को तोड़ दिया था।
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (केएमएससी) के बैनर तले और भी किसान शनिवार को दिल्ली आने के लिए पंजाब से हरियाणा की सीमा में दाखिल हो सकते हैं।
केएमएससी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने बताया, ‘‘हमारे किसानों का समूह ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार होकर शंभू अंतरराज्यीय सीमा से जल्द हरियाणा में दाखिल होगा। उन्होंने शुक्रवार को अमृतसर से दिल्ली के लिए सफर शुरू किया था।’’
पंढेर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने किसानों के खिलाफ ‘काले कानूनों’ को लागू किया है।
उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में पंजाब के किसान शुक्रवार को हरियाणा में दाखिल हुए जिनमें से कुछ को पानी की बौछार और आंसू गैस के गोलों का भी सामना करना पड़ा।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए केंद्र द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश देने के फैसले का स्वागत किया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।