60 प्रतिशत कन्नड़ आदेश के बाद कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने अंग्रेजी साइनबोर्डों को तोड़ा, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार सख्त

By अनुभा जैन | Published: December 27, 2023 07:42 PM2023-12-27T19:42:47+5:302023-12-27T19:43:54+5:30

अंग्रेजी नेमप्लेट के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले कर्नाटक डिफेंस फोरम करावे के नारायण गौड़ा गुट के कार्यकर्ताओं ने आज कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। वे बड़े-बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों में गये और अंग्रेजी भाषा के नेमप्लेट को नष्ट कर दिया। पुलिस से झड़प भी हुई।

After 60 percent Kannada order pro-Kannada activists broke English signboards Deputy CM DK Shivakumar strict | 60 प्रतिशत कन्नड़ आदेश के बाद कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने अंग्रेजी साइनबोर्डों को तोड़ा, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार सख्त

पुलिस से झड़प भी हुई

Highlightsकर्नाटक रक्षण वेदिके (केआरवी) ने कन्नड़ साइनबोर्ड की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कियामॉल ऑफ एशिया के बाहर फूलों के गमले भी तोड़ दिएअंग्रेजी साइनबोर्ड तोड़ दिए और उन पर काली स्याही छिड़क दी

बेंगलुरु: बेंगलुरु के दो सबसे बड़े मॉल - हेब्बल में फीनिक्स मॉल ऑफ एशिया और व्हाइटफील्ड में फीनिक्स मार्केटसिटी को बुधवार शाम को बंद करना पड़ा क्योंकि कन्नड़ समर्थक समूह कर्नाटक रक्षण वेदिके (केआरवी) ने कन्नड़ साइनबोर्ड की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्नाटक रक्षणा वेदिके (केआरवी) के कार्यकर्ताओं ने मॉल ऑफ एशिया के बाहर फूलों के गमले भी तोड़ दिए, अंग्रेजी साइनबोर्ड तोड़ दिए और उन पर काली स्याही छिड़क दी।

सीएम सिद्धारमैया ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से अपने नाम बोर्ड पर कन्नड़ को प्रमुखता से शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “चाहे आप कर्नाटक में पैदा हुए हों या पले-बढ़े हों या यहां रहकर आजीविका कमाया हो, हम उन सभी को कन्नडिगा मानते हैं। देश के कानून का पालन करना हमारा कर्तव्य है।” इधर, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि सरकार व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर हिंसा या हमले बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं से कानूनी ढांचे के भीतर काम करने को कहा।

अंग्रेजी नेमप्लेट के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाले कर्नाटक डिफेंस फोरम करावे के नारायण गौड़ा गुट के कार्यकर्ताओं ने आज कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। वे बड़े-बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों में गये और अंग्रेजी भाषा के नेमप्लेट को नष्ट कर दिया। पुलिस से झड़प भी हुई।

मॉल विद्या सहित कई बड़े व्यावसायिक स्टोरों ने कन्नड़ भाषा की नेमप्लेट लगाने में उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाया। मॉल एशिया ने पिछले हफ्ते से अपनी नेमप्लेट बदल दी है क्योंकि बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था। कार्यकर्ता शहर भर में विरोध प्रदर्शन करते रहे। ऐसी स्थिति बन गई है कि पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया और कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारी आज एयरपोर्ट रोड पर सदाहल्ली गेट के पास बड़ी संख्या में एकत्र हुए। सदाहल्ली टोल पर अंग्रेजी नेम प्लेट तोड़ दी गई। वहां से शहर तक विशाल विरोध मार्च निकाला गया।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि राज्य सरकार का आदेश है कि 28 फरवरी, 2024 तक नेमबोर्ड 60 प्रतिशत कन्नड़ में होना चाहिए या वे अपना ट्रेड लाइसेंस खो देंगे और कानूनी कार्रवाई का सामना करेंगे।

आज दिन भर जगह-जगह सड़क पर रुकावटें रही। एयरपोर्ट की यातायात व्यवस्था बाधित हो गई। इसके अलावा अन्य प्रमुख सड़कों पर भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ताओं ने सड़क के बीच में लगे अंग्रेजी भाषा के विशाल प्लेक्स बैनरों को फाड़ दिया है। एहतियात के तौर पर, पुलिस ने करावे कार्यकर्ताओं को रोका और उन्हें हिरासत में ले लिया। हालाँकि, विभिन्न क्षेत्रों में संगठित कार्यकर्ताओं ने अंग्रेजी नेमप्लेट के खिलाफ लड़ाई जारी रखी।

पत्रकारों से बात करते हुए करावे के अध्यक्ष नारायण गौड़ा ने कहा कि बेंगलुरु को कन्नड़ बनना चाहिए। अन्यथा, भविष्य में कन्नडिगाओं का कोई अस्तित्व नहीं बचेगा। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और मॉल्स की मांग है कि सिर्फ बाहर की नेमप्लेट पर कन्नड़ का इस्तेमाल करना काफी नहीं है, बल्कि उनके अंदर भी कन्नड़ होनी चाहिए। हमने आज करावे के विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने का अनुरोध किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विरोध को बलपूर्वक दबाने का प्रयास किया गया तो कार्यकर्ता अपना संघर्ष जारी रखेंगे। सरकार ने हमारी मांग पर प्रतिक्रिया दी और 28 फरवरी की समय सीमा तय की। इसके बाद भी अगर कन्नड़ीकरण नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में होने वाली आपदा के लिए सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष सिर्फ बेंगलुरु में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में होगा।

Web Title: After 60 percent Kannada order pro-Kannada activists broke English signboards Deputy CM DK Shivakumar strict

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