10 साल के संघर्ष के बाद चाय बेचने वाले की बेटी बनी सीए, लिखा इमोशलन पोस्ट, पढ़कर दिल भर आएगा

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 22, 2024 13:12 IST2024-07-22T13:11:28+5:302024-07-22T13:12:56+5:30

अमिता प्रजापति वित्तीय कठिनाइयों और सामाजिक तानों सहित कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। उनके पिता चाय बेचकर जीविकोपार्जन करते हैं। पिता ने बेटी को पूरा समर्थन दिया।

After 10 years of struggle, tea seller's daughter became CA, wrote emotional post, heart will be filled after reading it | 10 साल के संघर्ष के बाद चाय बेचने वाले की बेटी बनी सीए, लिखा इमोशलन पोस्ट, पढ़कर दिल भर आएगा

10 साल के संघर्ष के बाद चाय बेचने वाले की बेटी बनी सीए

Highlights10 साल के संघर्ष के बाद चाय बेचने वाले की बेटी बनी सीएसामाजिक तानों सहित कई बाधाओं का सामना करना पड़ाप्रजापति ने अपने माता-पिता के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए एक लिंक्डइन पोस्ट में अपने संघर्ष की कहानी बताई

नई दिल्ली: कहते हैं इंसान के लिए कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। परिस्थितियां चाहे जितनी भी मुश्किल हों अगर ठान लिया जाए तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। इसे सच साबित कर दिखाया है दिल्ली में एक चाय बेचने वाले की बेटी अमिता प्रजापति ने। अमिता प्रजापति ने दस साल के अथक प्रयास के बाद बेहद चुनौतीपूर्ण चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) परीक्षा पास करके एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है। । प्रजापति ने अपने माता-पिता के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए एक लिंक्डइन पोस्ट में अपने संघर्ष की कहानी बताई। ये पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई।

अमिता प्रजापति वित्तीय कठिनाइयों और सामाजिक तानों सहित कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। उनके पिता चाय बेचकर जीविकोपार्जन करते हैं। पिता ने बेटी को पूरा समर्थन दिया। उन्होंने रिश्तेदारों की नकारात्मक टिप्पणियों को नजरअंदाज कर दिया, जिन्होंने अमिता की क्षमता पर संदेह किया और परिवार की वित्तीय पसंद पर सवाल उठाए। अमिता ने बताया कि रिश्तेदार पिता से कहते थे कि आप चाय बेचकर, पैसे बचाकर और घर बनाकर उसे इतना शिक्षित नहीं कर सकते।

 लिंक्डइन पर अपनी पूरी कहानी में अमिता ने लिखा, "पापा मैं सीए बन गई। 10 साल लग गए। आंखों में सपना लिए हर रोज खुद से पूछती थी, क्या ये सपना कभी सच होगा? आज,11 जुलाई 2024 को यह सपना सच हो गया। हां, सपने सच होते हैं। लोग कहते थे कि क्यों करवा रहे हो इतना बड़ा कोर्स। तुम्हारी बेटी नहीं कर पाएगी। क्योंकि मैं औसत छात्रा थी। लेकिन पापा के यकीन और मेरे समर्पण ने मुझे आज ये मुकाम दिलाया है।"

उन्होंने लिखा, लोग कहते थे तुम इतना नहीं पढ़ा  पाओगे चाय बेच कर, घर बना लो कब तक जवान बेटियों को लेकर सड़क पे रहोगे। एक दिन तो इन्हें जाना ही है पराया धन है तुम्हारे पास कुछ नहीं बचेगा। हां "बिल्कुल" मैं "झुग्गी" में रहती हूं।  लेकिन अब मुझसे कोई शर्म नहीं। वो कुछ लोग कहते हैं कि "जुग्गी झोपड़ी उल्टी खोपड़ी" सच है। बिल्कुल सही कहते थे अगर उल्टी खोपड़ी नहीं होती तो आज यहां नहीं पहुंचती। ब इस लायक हूं कि अपने पापा को घर बनवा के दे सकती हूं। उनकी सारी ख्वाहिशें पूरी कर सकती हूं। पहली बार पापा को गले लगा कर रोई ये सुकून है। 
इस पल के लिए बहुत ज्यादा इंतजार किया गया था। खुली आंखों से इस सपने को इमेजिन किया गया था। मैं सबको यही बोलना चाहूंगी, कभी देर नहीं होती और सपने सच होते हैं।

Web Title: After 10 years of struggle, tea seller's daughter became CA, wrote emotional post, heart will be filled after reading it

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