Afghanistan situation: समाजवादी पार्टी सांसद डॉक्टर शफीक उर रहमान बर्क ने तालिबान की प्रशंसा की है और अफगानिस्तान पर कब्जा करने की तुलना भारत के स्वतंत्रता संग्राम से की है।
संभल से लोकसभा सांसद रहमान ने कहा कि तालिबान ने केवल उस जमीन पर कब्जा किया है, जो मूल रूप से उनकी थी। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की तरह जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी, तालिबान ने अमेरिका जैसे देशों के खिलाफ अपनी जमीन खाली करने और देश को अपनी मर्जी से चलाने के लिए लड़ाई लड़ी।
बर्क ने संभल में कहा कि तालिबान एक ताकत है और उसने अफगानिस्तान में अमेरिका के पांव जमने नहीं दिये। तालिबान अब अपने देश को खुद चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा "हमारा देश जब अंग्रेजों के कब्जे में था तो सभी हिंदुस्तानियों ने मिलकर आजादी की जंग लड़ी थी।
अफगानिस्तान पर अमेरिका ने कब्जा कर रखा था। उससे पहले इस मुल्क पर रूस का कब्जा था। मगर अफगान आजाद रहना चाहते हैं। वह अपने देश को आजाद कराना चाहते हैं। यह उनका व्यक्तिगत मामला है इसमें हम क्या दखल देंगे?"
गौरतलब है कि इमरान खान ने सोमवार को तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा किए जाने की घटना का परोक्ष रूप से समर्थन करते हुए कहा था कि उनके इस पड़ोसी मुल्क ने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया है। तालिबान ने अफगानिस्तान में करीब 20 साल बाद एक बार फिर अपना दबदबा कायम कर लिया है। उसके बढ़ते प्रभुत्व के कारण राष्ट्रपति अशरफ गनी को विदेश में शरण लेनी पड़ी है।
योगी ने की तालिबान को लेकर सपा सांसद के बयान की सदन में निंदा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तालिबान को लेकर समाजवादी पार्टी सांसद डॉक्टर शफीक उर रहमान बर्क के बयान की विधान परिषद में कड़ी निंदा की। मुख्यमंत्री ने परिषद में अपने वक्तव्य में बर्क के बयान की तरफ इशारा करते हुए कहा "आज सुबह-सुबह मैं एक पार्टी के सांसद का वक्तव्य सुन रहा था। वह तालिबान का बड़ी बेशर्मी के साथ समर्थन कर रहे थे। यानी उनके बर्बर कृत्यों का समर्थन कर रहे थे।" उन्होंने कहा "हम संसदीय लोकतंत्र में बैठे हैं। कहां लेकर जा रहे हैं हम लोग। हम ऐसे कृत्यों का समर्थन कर रहे हैं जो मानवता के लिए कलंक हैं।"
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में बर्क के बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा "समाजवादी पार्टी में कुछ भी हो सकता है। कुछ ऐसे लोग हैं जो जन गण मन नहीं गा सकते। कुछ तालिबान के समर्थक भी हो सकते हैं। कुछ अन्य लोग पुलिस द्वारा आतंकवादियों की गिरफ्तारी पर आरोप लगा सकते हैं। यह तुष्टीकरण है।" उन्होंने कहा "जब इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं तो बयान देने वाले व्यक्ति और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच कोई अंतर नहीं रह जाता।