सामर्थ्य, संसाधन, सेवा भाव टीका उद्योग की सबसे बड़ी ताकत: मोदी
By भाषा | Published: April 20, 2021 08:40 PM2021-04-20T20:40:37+5:302021-04-20T20:40:37+5:30
नयी दिल्ली, 19 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ‘‘सामर्थ्य, संसाधन और सेवा भाव’’ को भारत के टीका उद्योग की सबसे बड़ी ताकत बताया और टीका निर्माताओं से अपनी उत्पादन क्षमता में लगातार वृद्धि करने का आग्रह किया ताकि कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों को कोविड-19 रोधी टीका लगाया जा सके।
प्रधानमंत्री ने देश भर के टीका निर्माताओं से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान उनकी उपलब्धियों और उनकी व्यवसायिक कुशलता की सराहना की और कहा कि उनकी क्षमताओं पर विश्वास जताते हुए ही सरकार ने एक मई से 18 साल के ऊपर के लोगों के टीकाकरण कार्यक्रम को मंजूरी दी है।
उन्होंने नये टीकों को विकसित करने की दिशा में वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे शोध और प्रयासों की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री ने रिकार्ड समय में टीकों को विकसित करने और उनका उत्पादन करने का श्रेय टीका निर्माता कंपनियों को देते हुए कहा कि भारत में निर्मित टीके विश्व में सबसे सस्ते हैं।
उन्होंने कहा कि आज भारत में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान जारी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकों के विकसित होने और और उनके उत्पादन की पूरी प्रक्रिया के दौरान देश ने ‘‘मिशन कोविड सुरक्षा’’ के तहत सार्वजनिक निजी भागीदारी की भावना के साथ काम किया और शुरु से अंत तक टीका विकसित करने का तंत्र विकसित किया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ना सिर्फ यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि सभी टीका उत्पादकों को हरसंभव मदद और तार्कित सहयोग मिल सके बल्कि यह भी कोशिश की कि टीकों को मंजूरी की प्रक्रिया तेज और वैज्ञानिक हो।
उन्होंने कहा कि नए टीकों की दौड़ में जो हैं, उन्हें सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जाएगी और अनुमति प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में देश के निजी क्षेत्रों के स्वास्थ्य ढांचे ने बहुत अहम भूमिका निभाई और आने वाले दिनों में निजी क्षेत्र टीकाकरण अभियान में और भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
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