राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को झटका देते हुए उसकी मुंबई इकाई के प्रमुख एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सचिन अहीर शिवसेना में शामिल हो गए।
राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में मंत्री रहे सचिन यहां शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए। उद्धव ने अहीर का पार्टी में स्वागत करते हुए भाजपा पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए कहा कि अन्य राजनीतिक दलों को तोड़ना शिवसेना की फितरत नहीं है।
उन्होंने किसी दल का नाम लिए बिना कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि शिवसेना आगे बढ़े लेकिन नैतिक मूल्यों की कीमत पर नहीं।’’ उद्धव ने कहा कि शिवसेना ‘‘लोगों का दिल जीतकर’’ राजनीति करना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘सचिन अहीर अपनी मर्जी और खुशी से शामिल हुए हैं। मैं उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि उन्हें अपने फैसले पर पछतावा नहीं होगा।’’
अहीर 1999 में रांकपा के गठन के बाद से ही उससे जुड़े हुए थे। उन्होंने 1999 से 2009 तक मुंबई में शिवड़ी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और बाद में वर्ली से निर्वाचित हुए। वह 2014 में शिवसेना के सुनील शिंदे से विधानसभा चुनाव हार गए थे।
अहीर ने कहा कि वह शिवसेना का आधार बढ़ाने के लिए काम करेंगे लेकिन राकांपा को तोड़ने की कोशिश नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘शरद पवार मेरे दिल में रहेंगे, लेकिन शिवसेना की खातिर काम करने के लिए मेरे शरीर में आदित्य और उद्धव की ताकत होगी।’’
अहीर ने कहा कि उनके मन में राकांपा के लिए कोई दुर्भावना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए कुछ अपरिहार्य राजनीतिक फैसले लेने पड़े।’’ अहीर ने कहा कि कुछ दिन पहले वह एक सामाजिक समारोह में आदित्य ठाकरे से मिले थे, जिन्होंने उनसे कहा था कि शिवसेना को उनके जैसे नेताओं की आवश्यकता है जो ‘‘शहरी राजनीति से अच्छी तरह वाकिफ’’ हों।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में अधिकतर नगर निगमों में शिवसेना सत्ता में है। मैं शहरों के विकास के लिए एक मंत्री के तौर पर मिले अनुभव का प्रयोग कर सकता हूं, इसलिए मैंने सत्ता में रह कर विकास के लिए काम करने का निर्णय लिया।’’
अहीर ने कहा कि शिवसेना अब इस बात पर फैसला करेगी कि वह राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं। राज्य में सितंबर-अक्टूबर में चुनाव होने हैं। इस मौके पर आदित्य ने कहा कि अहीर और वह लंबे समय से एक-दूसरे को जानते हैं उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न दलों में होने के बावजूद हमें एहसास हुआ कि हमारा लक्ष्य शहरी क्षेत्रों का विकास करना है।’’
इस बीच, अहिर के सत्तारूढ़ शिवसेना में शामिल होने के बाद राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि जिनमें अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने का साहस और माद्दा नहीं है, वे पार्टी छोड़ रहे हैं। मलिक ने कहा कि अहीर के शिवसेना में शामिल होने के फैसले से शरद पवार नीत पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।