नई दिल्ली, 27 सितंबर: देश के सर्वोच्च न्यायलय ने मंगलवार (25 सितंबर) को दागी नेताओं के चुनाव लड़ने से रोक वाली याचिका पर फैसला सुनाया था। कोर्ट ने अपने फैसला में कहा था कि राजनीति का अपराधीकरण खतरनाक है। दागी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए चार्जशीट काफी नहीं है। सिर्फ चार्जशीट के आधार पर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता है। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की जिम्मेदारी है कि वो देखें की व्यवस्था भ्रष्टाचार का शिकार न बने।
ऐसे में चुनावी और राजनीतिक सुधारों के लिए काम करने वाली एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 25 सितंबर को एक रिपोर्ट जारी की है। एडीआर की रिपोर्ट में ये बताया गया है कि राज्य सभा और लोकसभा में 30 फीसदी सांसद दागी हैं। इनमें से 17 फीसदी नेताओं पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जहां लोकसभा के 542 सांसदों में से 179 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, वहीं राज्यसभा के 228 सांसदों में 51 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। अगर दोनों सदन के सासंदों की संख्या को मिला तो 770 सासंदों में से 230 दागी हैं। जो की दोनों सदनों के सांसदों की संख्या का 30 फीसदी है
वहीं दागी नेताओं के मामले में देश की दोनों बड़ी पार्टियों की तुलना करे तो इस मामले में बीजेपी कांग्रेस से काफी आगे है। बीजेपी में करीब 32 फीसदी सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, तो वहीं कांग्रेस के सासंदों के खिलाफ 15 फीसदी आपराधिक मामले दर्ज हैं।
किस पार्टी में कितने दागी
एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में संख्या के हिसाब से आंकड़े दिए हैं। रिपोर्ट में ये बताया गया है कि फिलहाल किस पार्टी के कितने सांसद है, इनमें से कितने के ऊपर आपराधिक मामला दर्ज और कितनों के ऊपर संगाीन मामला (हत्या, बलात्कार) दर्ज हैं।
| पार्टी का नाम | सांसदों की संख्या | आपराधिक मामला दर्ज | संगीन मामला दर्ज |
| बीजेपी | 339 | 107 | 64 |
| कांग्रेस | 97 | 15 | 8 |
| शिवसेना | 21 | 18 | 10 |
| एआईएडीएमके | 50 | 10 | 3 |
| तेलगू देशम पार्टी | 22 | 7 | 1 |
| राष्ट्रीय जनता दल | 9 | 7 | 6 |
| लोक जनशक्ति पार्टी | 6 | 4 | 3 |
| आम आदमी पार्टी | 7 | 2 | 1 |
| जनता दल यूनाइटेड | 8 | 2 | 1 |
| समाजवादी पार्टी | 21 | 3 | 1 |
| बहुजन समाज पार्टी | 4 | 1 | 1 |
ऊपर के आंकड़े तो सभी पार्टियों के सांसदों की हो गई। लेकिन अगर राजनीतिक पार्टियों के विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों में भी बीजेपी कांग्रेस से आगे है। बीजेपी के 1451 विधायकों में 31 फीसदी विधायकों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, 20 फीसदी विधायकों के खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि कांग्रेस के 773 विधायकों में 26 फीसदी विधायक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से 17 फीसदी विधायकों के खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।
हेट स्पीच के मामले भी बीजेपी आगे
भड़काऊ भाषण देने के मामले में भी सत्ताधारी पार्टी बीजेपी टॉप पर है। बीजेपी के 27 सांसदों-विधायकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण को लेकर मामले दर्ज हैं। वहीं, कांग्रेस के 2 सांसदों-विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज है। भड़काऊ भाषण देने के मामले में उत्तर प्रदेश के नेता सबसे आगे हैं। यूपी के 15 सांसद-विधायकों के खिलाफ भड़काऊ भाषण का केस चल रहा है। वही तेलंगाना इस मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां 13 नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण का मामला दर्ज है।मर्डर-किडनैपिंग के मामले में भी बीजेपी आगे
किडनैपिंग के मामले में भी बीजेपी के सांसदों-विधायकों के खिलाफ सबसे ज्यादा मामला दर्ज है। कांग्रेस यहां भी दूसरे नंबर पर है। कांग्रेस के 6 सासंदों-विधायकों के खिलाफ किडनैपिंग के मामले दर्ज हैं। वहीं किडनैपिंग के मामले में बिहार सबसे से आगे है। बिहार के 12 सांसद-विधायकों पर किडनैपिंग के मामले दर्ज हैं। दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश और तीसरे पर महाराष्ट्र है। बात हत्या के मामलों की करें तो बीजेपी के 19 सासंद-विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज हैं। वहीं, कांग्रेस के 6 सांसद-विधायकों के खिलाफ मर्डर के मामले दर्ज हैं। हत्या के मामलों में उत्तर प्रदेश टॉप पर है।