आदिवासी व्यक्ति ने कहा कि हिरासत में उसका उत्पीड़न किया गया और चोरी कबूलने के लिए मजबूर किया गया
By भाषा | Updated: November 27, 2021 22:23 IST2021-11-27T22:23:15+5:302021-11-27T22:23:15+5:30

आदिवासी व्यक्ति ने कहा कि हिरासत में उसका उत्पीड़न किया गया और चोरी कबूलने के लिए मजबूर किया गया
वायनाड, 27 नवंबर एक आदिवासी व्यक्ति ने शनिवार को दावा किया कि हिरासत में उसका उत्पीड़न किया गया और चोरी की बात कबूल करने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद विपक्षी कांग्रेस, भाकपा की युवा शाखा एआईएसएफ ने संबंधित कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है लेकिन पुलिस के एक उच्चाधिकारी ने आरोपों से इंकार किया है।
मीनांगड़ी के नजदीक अतिकाडावू पनिया आदिवासी कॉलोनी के दीपू (22) ने कुछ समाचार चैनलों से कहा कि पुलिस ने उसका उत्पीड़न किया और पांच नवंबर को कार चोरी की बात कबूल करने के लिए बाध्य किया। उसने कहा कि एक मोटरसाइकिल और एक घर में चोरी की बात कबूल करने के लिए भी उसे बाध्य किया गया।
उसके रिश्तेदारों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसके खिलाफ फर्जी मामला बनाया गया और बताया कि उसे कार चलाना नहीं आता है।
बहरहाल, वायनाड के पुलिस अधीक्षक अरविंद सुकुमार में सभी आरोपों से इंकार किया और ‘पीटीआई’ से कहा कि आरोपी डुप्लीकेट चाबी का इस्तेमाल कर कार के अंदर दाखिल हुआ और उसे कुछ दूरी तक ले गया लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया।
दीपू की मां के. बैजूनाथ की शिकायत पर राज्य मानवाधिकार आयोग के एक न्यायिक सदस्य ने बुधवार को जिला पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच करने का आदेश दिया था। एसएचआरसी 14 दिसंबर को मामले की सुनवाई करेगा।
कांग्रेस नेता और विधायक आई. सी. बालकृष्णन ने मीडिया से कहा कि पुलिस की कार्रवाई दलित समुदाय से ‘‘घोर अन्याय’’ है और कांग्रेस आरोपी को कानूनी सहायता मुहैया कराएगी।
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