मुंबई, एक अप्रैल मुंबई के अंधेरी उप नगर में पुल बनाने के लिये मैंग्रोव की कटाई पर शीर्ष न्यायालय के रोक लगाने के फैसले का स्वागत करते हुये पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने कहा कि मैंग्रोव को नष्ट किये बगैर भी पुल का निर्माण किया जा सकता है।
शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद पर्यावरण कार्यकर्ताओं को अब इस बात की उम्मीद है कि बृहन्मुंबई नगरपालिका परिषद (बीएमसी) इस परियोजना को नया स्वरूप देगी।
बीएमसी ने अंधेरी के वरसोवा में यारी रोड जंक्शन एवं लोखंडवाला बैकरोड के बीच एक पुल निर्माण की योजना बनायी है, इससे न केवल वाहनों की भीड़ कम होगी बल्कि लोगों के आवागमन में समय भी कम लगेगा।
वरसोवा के रहने वो कुछ लोगों ने इस परियोजना के खिलाफ बम्बई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2020 में जनहित याचिका को खारिज कर दिया था इसके बाद स्थानीय लोगों ने इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रूख किया था।
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में अपने फैसले में पुल बनाने के लिये इलाके में मैंग्रोव की कटाई पर रोक लगा दी है।
‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत करते हुये मुंबई के पर्यावरण कार्यकर्ता जोरू भथेना ने शीर्ष अदालत के फैसले की सराहना की और कहा कि बीएमसी को पता है कि मैंग्रोव को नष्ट किये अथवा पर्यावरण को क्षति पहुंचाये बगैर भी पुल का निर्माण हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें अब परियोजना को उचित स्वरूप देने की आवश्यकता है। हमें उम्मीद है कि वे इसे उचित तरीके से नया स्वरूप देंगे ।’’
एक अन्य पर्यावरण कार्यकर्ता गोडफ्रे पिमेंता ने दावा किया कि अधिकारी शॉर्टकट अपनाते हैं और इसके लिये वह पहले से अनुमति भी नहीं लेते हैं, अधिकतर मामलों में पर्यावरण का मसला होता है और उन्हें लगता है कि वह कानून से ऊपर हैं।
पिमेंता ने बताया कि शीर्ष अदालत ने मैंग्रोव की कटाई पर रोक लगा दी है और हम इस फैसले का स्वागत करते हैं।
कार्यकर्ता स्टालिन डी ने हालांकि कहा कि मैंग्रोव की कटाई पर यह रोक अस्थायी है।
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