कार्यकर्ता ने सीजेआई से एक महिला से संबंधित बलात्कार के मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया
By भाषा | Published: August 26, 2021 07:10 PM2021-08-26T19:10:19+5:302021-08-26T19:10:19+5:30
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) से एक सामाजिक कार्यकर्ता ने आग्रह किया है कि वह यहां उच्चतम न्यायालय के बाहर एक व्यक्ति के साथ आत्महत्या का प्रयास करने वाली एक महिला से संबंधित बलात्कार के मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित करने और किसी स्वतंत्र एजेंसी से इसकी जांच कराए जाने निर्देश दें। महिला (24) और पुरुष (27) को यहां राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिनकी क्रमश: 24 अगस्त और 21 अगस्त को मौत हो गई थी।कार्यकर्ता योगिता भयाना ने अपने अभिवेदन में कहा कि बलात्कार के आरोपों से संबंधित समूची जांच प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू किए जाने की आवश्यकता है तथा जांच कोई अन्य एजेंसी करे या दिल्ली पुलिस क्योंकि उत्तर प्रदेश पुलिस पहले ही पक्षपातपूर्ण साबित हो चुकी है।उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बलात्कार का मुकदमा पूर्वाग्रह से अलग नहीं जो घटनाओं के क्रम से स्पष्ट है और इसलिए इसे न्याय की खातिर दिल्ली स्थानांतरित किए जाने की आवश्यकता है। अधिवक्ता अमित साहनी के माध्यम से भेजे गए अभिवेदन में आग्रह किया गया है कि इस पर जनहित याचिका के रूप में विचार किया जाए। महिला उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की निवासी थी जिसने 2019 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अतुल राय पर बलात्कार का आरोप लगाया था। आरोपी सांसद इस मामले में पिछले दो साल से न्यायिक हिरासत में हैं। आत्महत्या का प्रयास करने से पहले महिला ने अपने साथ मौजूद पुरुष के साथ फेसबुक लाइव वीडियो में अपनी पहचान उजागर की थी और कहा था कि उसने 2019 में राय के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। पूर्व में, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा था कि महिला और पुरुष ने आत्महत्या के प्रयास जैसा कदम इसलिए उठाया क्योंकि बलात्कार के मामले में आयु के संबंध में गलत सबूत देने पर फर्जीवाड़े के मामले में एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। महिला ने अपने फेसबुक वीडियो में वारंट का उल्लेख किया था और कहा था कि उसे न्यायाधीश ने तलब किया है। मार्च में, महिला ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर बलात्कार के मामले को निष्पक्ष मुकदमे के लिए प्रयागराज से दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया था और दावा किया था कि उसकी जान को खतरा है। बाद में अगस्त में, वाराणसी स्थित एक स्थानीय अदालत ने राय के भाई की शिकायत पर फर्जीवाड़े के मामले में महिला के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
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