विकास दुबे के मुख्‍य फाइनेंसर जय वाजपेयी और प्रशांत पर रासुका के तहत कार्रवाई

By भाषा | Published: September 5, 2021 05:46 PM2021-09-05T17:46:25+5:302021-09-05T17:46:25+5:30

Action on Vikas Dubey's chief financier Jai Vajpayee and Prashant under Rasuka | विकास दुबे के मुख्‍य फाइनेंसर जय वाजपेयी और प्रशांत पर रासुका के तहत कार्रवाई

विकास दुबे के मुख्‍य फाइनेंसर जय वाजपेयी और प्रशांत पर रासुका के तहत कार्रवाई

कानपुर जिले के पुलिस-प्रशासन ने चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू निवासी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के मुख्‍य फाइनेंसर जयकांत वाजपेयी और उसके सहयोगी प्रशांत शुक्‍ला के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की है। बिकरू कांड के करीब 14 माह बाद जिलाधिकारी की संस्‍तुति के बाद जेल में बंद दोनों आरोपियों को रासुका की नोटिस तामील कराई गई है।पुलिस के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (कानपुर बाहरी) अष्टभुजा पी सिंह ने कहा कि जयकांत और उसके सहयोगी प्रशांत उर्फ डब्बू के खिलाफ रासुका लागू करने के लिए रिपोर्ट जिलाधिकारी (कानपुर) आलोक तिवारी के समक्ष प्रस्तुत की गई, उन्होंने रासुका के लिए मंजूरी दी थी। एसपी ने बताया कि डीएम की स्वीकृति के बाद शनिवार को जिला जेल में बंद जयकांत और उसके सहयोगी प्रशांत शुक्ला को भी रासुका का नोटिस जारी किया गया। एसपी ने आगे कहा, “प्रक्रिया के तहत हमने जयकांत और प्रशांत के खिलाफ रासुका लगायी है।” उन्होंने बताया कि जयकांत को इस बात की जानकारी थी विकास दुबे पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक बड़ी साजिश रच रहा है और इसके बावजूद उसने पुलिस को विकास दुबे के नापाक इरादों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। जयकांत वाजपेयी पर विकास दुबे को हथियार, गोला-बारूद और नकदी उपलब्ध कराने का आरोप लगा था। कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में पिछले वर्ष दो जुलाई की रात को विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके सहयोगियों ने हमला बोल दिया था जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ लोग मारे गये थे।पुलिस ने जांच में यह भी पुष्टि की कि जयकांत ने बिकरू कांड के तुरंत बाद विकास दुबे और उसके सहयोगियों को एसयूवी वाहन उपलब्ध कराकर भागने में मदद की। घटना के एक पखवाड़े बाद जय और उसके दोस्त प्रशांत शुक्ला पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 395, 412 और धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) आदि धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। विकास दुबे को अवैध रूप से अपने शस्त्र लाइसेंस पर कारतूस उपलब्ध कराने के आरोप में जय के खिलाफ शस्त्र अधिनियम की धारा 29 और 30 के तहत एक अलग प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। रासुका के प्रावधानों के तहत, किसी को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है यदि अधिकारी संतुष्ट हैं कि वह व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून और व्यवस्था के लिए खतरा है। ध्‍यान रहे कि बिकरू कांड के बाद विकास दुबे और उसके गिरोह के पांच सदस्यों को उप्र के कानपुर, हमीरपुर और इटावा में अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराया गया था।

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