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कोरोना संकट के बीच अच्छी खबर, अगले साल भारतीय GDP की ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रहने की उम्मीद

By अनुराग आनंद | Updated: June 10, 2020 16:51 IST

फिच ने बुधवार को अपने रिपोर्ट में दावा किया कि कोरोना के वैश्विक महामारी से बाहर निकलते ही भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार की संभावना है।

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ठळक मुद्देफिच की मानें तो भारत में कोरोना वायरस संकट गहराने से पहले ही अर्थव्यवस्था में नरमी का रुख बना हुआ था।इसके साथ ही फिच ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने भारत के अर्थव्यवस्था की वृद्धि को और अधिक कमजोर किया है।विश्व बैंक ने सोमवार को कहा कि कोरोनावायरस के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी मंदी आएगी।

नयी दिल्ली: चालू वित्त वर्ष में गहरे संकुचन के बाद देश की अर्थव्यवस्था के अगले वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है। रेटिंए एजेंसी फिच रेटिंग्स ने बुधवार को जारी एक रपट में यह बात कही। फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के पांच प्रतिशत सिकुड़ने का अनुमान जताया है।

कोरोना वायरस संकट गहराने से पहले ही अर्थव्यवस्था में नरमी का रुख बना हुआ था। फिच ने बुधवार को अपना एशिया-प्रशांत ऋण साख परिदृश्य जारी किया। इसमें कहा गया है, ‘‘कोविड-19 महामारी ने देश के वृद्धि परिदृश्य को कमजोर किया है। इसकी अन्य प्रमुख वजह सरकार पर भारी कर्ज के चलते कई चुनौतियां भी पैदा होना है।’’

महामारी के बाद देश की जीडीपी वृद्धि दर के वापस पटरी पर लौटने की उम्मीद-

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, फिच ने कहा कि इस वैश्विक महामारी संकट के बाद देश की जीडीपी वृद्धि दर के वापस पटरी पर लौटने की उम्मीद है। यह वापस उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। इसके अगले साल 9.5 प्रतिशत कीर दर से वृद्धि करने की उम्मीद है। यह ‘बीबीबी’ श्रेणी से अधिक होगी।

देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया। इसे कई बार विस्तार देकर 30 जून तक बढ़ाया गया है। हालांकि, चार मई से लॉकडाउन के नियमों में कई राहत दी गयी हैं। लेकिन देश में फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 

विश्व बैंक ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे गहरी मंदी

फिच के रिपोर्ट के अलावा, आपको बता दें कि विश्व बैंक ने सोमवार को कहा कि कोरोनावायरस के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे गहरी मंदी आएगी। इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5.2 फीसदी गिरावट आ जाएगी। विश्व बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मलपास ने सोमवार को जारी ग्लोबल इकॉनोमिक प्रॉस्पैक्ट की भूमिका में कहा कि 1870 के बाद यह पहला मौका होगा, जब महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आएगी।

भारतीय अर्थव्यवस्था में 3.2 फीसदी गिरावट आएगी: विश्व बैंक

विश्व बैंक ने कहा कि चालू कारोबारी साल में भारतीय अर्थव्यवसथा में 3.2 फीसदी गिरावट आएगी। कारोबारी साल 2017 में भारत की विकास दर 7 फीसदी थी। 2018 में यह घटकर 6.1 फीसदी पर आ गई। कारोबारी साल 2019-2020 में यह 4.2 फीसदी रही। कोरोनावायरस और लॉकडाउन का असली आर्थिक असर चालू कारोबारी साल में दिखेगा।

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