जींद, 10 अगस्त: आम आदमी पार्टी के प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ऐसा ऐलान किया है जिसके बाद से वह सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल उन्होंने कहा है कि 2019 के आम चुनावों से पहले अब तक मोदी सरकार के खिलाफ महागठबंधन का रूप तैयार हुआ नहीं और एक संभावित पार्टनर ने इससे किनारा कर लिया है।
इससे साफ हो गया है कि वह 2019 में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ संभावित महागठबंधन का वह हिस्सा नहीं बनेंगे। हाल ही नें केजरीवाल ने कहा कि जो पार्टियां संभावित महागठबंधन में शामिल हो रही है, उनकी देश के विकास में कोई भूमिका नहीं रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने दिल्ली में कराये जाने वाले विकास के कार्यों में रोड़े अटकायें है।
केजरीवाल ने आज रोहतक में कुछ संवाददाताओं के साथ हुई बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी हरियाणा में विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा की सभी सीटों पर भी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि 2019 में ‘‘वे किसी भी प्रकार के महागठबंधन या अन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगे।’’
केजरीवाल ने दिल्ली के रूके हुए कामों के लिए केन्द्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उनके हर उस कदम को रोका गया जो आम जनता की भलाई के लिए कहा था। उन्होंने दावा किया,‘‘हमने दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में क्रांतिकारी काम किये हैं।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रही है। उसे लोगों की भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं है। केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने दिल्ली के मुकाबले हरियाणा को विकास के क्षेत्र में जहां पिछड़ा हुआ करार दिया तो वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री को सलाह भी दे डाली कि ‘‘वह हम से सीख ले कि सही मायनों में विकास कैसे होता है।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार जब पूर्ण राज्य न होते हुए भी बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है तो हरियाणा में खट्टर सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती है।केजरीवाल ने अम्बाला के शहीद हुए जवान के परिवार के लिए हरियाणा सरकार से एक करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता की मांग की।
केजरीवाल इन दिनों दिल्ली की सत्ता में है और पंजाब के पिछले विधानसभा में एक नई पार्टी के लिहाज से उसका प्रदर्शन अच्छा रहा है। एक सवाल यह उठ रहा है कि क्या अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए ऐसा ऐलान किया है? कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही पार्टियों ने दिल्ली में आप सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उधर, पंजाब में आप को अपनी ही पार्टी में बगावत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में दोनों जगह ही जमीन कमजोर होती नजर आ रही है। खैर केजरीवाल का ये ऐलान महागठबंन विपक्ष के सपने को तोड़ सकता है। ऐसे में देखना होगा कि क्या केजरीवाल का ये कदम उनकी साख बचाने की तरफ या फिर कुछ और है।
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