नई दिल्ली, 23 अगस्त: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की गठन राजनीति को एक नया आयाम देने के लिए किया था। लेकिन अब दिल्ली में सत्ता पाने के बाद धीरे धीरे आप से जुटे पार्टी के मुख्य चेहरा माने जाने वाले कार्यकर्ता अपना साथ छोड़ रहे हैं। पूर्व पत्रकार आशुतोष ने हाल ही में पार्टी को छोड़ने को ऐलान किया है और इसी लिस्ट में एक और नाम शामिल हो गया है। अब पार्टी के अहम साथी आशीष खेतान ने एक्टिव पॉलिटिक्स से ब्रेक का ऐलान किया है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब पार्टी के अहम साथी ने केजरीवाल का साथ छोड़ने का ऐलान किया हो इससे पहले भी आप के कई दिग्गज इससे दूरी बना चुके हैं। आइए जानते हैं अब तक किन साथियों ने छोड़ा केजरीवाल का हाथ-
1- आशीष खेतान
आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान ने हाल ही में ट्वीट करके ऐलान किया कि अभी मेरा ध्यान पूरी तरह से अपनी लॉ प्रैक्टिस पर है, इसलिए मैं एक्टिव पॉलिटिक्स से दूर हूं। वहीं, इससे पहले उन्होंने दिल्ली डायलॉग कमिशन के वाइस चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया था। हांलाकि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है।
2-आशुतोष
आशुतोष 2014 में एक टीवी न्यूज चैनल के मैनेजिंग एडिटर के पद से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। इसके बाद वह 2014 लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक से चुनाव भी लड़े थे और हार का सामना करना पड़ा था। अब आशुतोष ने ट्वीट कर लिखा कि हर सफर का अंत होता है, आम आदमी पार्टी के साथ मेरा शानदार और क्रांतिकारी सफर आज खत्म हुआ, मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन पार्टी से इसको स्वीकार नहीं किया है।
3-शांति भूषण
आम आदमी पार्टी को सबसे पहले चंदा देने वाले पूर्व कानून मंत्री सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने भी खुद को पार्टी से दूर कर लिया है। उनका पार्टी से 2014 में मोहभंग हुआ था। उन्होंने केजरीवाल पर दिल्ली विधानसभा चुनावों में टिकट बंटवारे में गड़बड़ी की बात कहते हुए कई आरोप भी लगाए थे।
4-प्रशांत भूषण
कानूनी मोर्चे पर आप को संभालने वाले प्रशांत भूषण ने 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने केजरीवाल पर टिकट बंटवारों में मनमानी का आरोप लगाया था और फिर खुद को पार्टी से अलग कर लिया था।
5-योगेंद्र यादव
योगेंद्र यादव भी पार्टी का वो चेहरा थे जिन्होंने इसकी स्थापना में अहम योगदान दिया था। लेकिन उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। लेकिन अब 'स्वराज अभियान' के साथ वह प्रशांत भूषण के साथ जुड़े हुए हैं।
6- आनंद कुमार
आनंद कुमार भी आम आदमी पार्टी के वो चेहरा थे जो अब इससे दूर हो गए हैं। आंनद ने 2014 में दिल्ली के उत्तरी-पूर्वी से चुनाव लड़ा था और हार का मुंह देखना पड़ा था। आंनद को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में आप से बाहर निकाला गया था।
7- मयंक गांधी
सामाजिक कार्यकर्ता मयंक गांधी और अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में एक साथ कूदे थे। पार्टी को बनाने में उनका भी अहम रोल था। वह महाराष्ट्र में पार्टी प्रमुख भी रहे थे। उन्होंने केजरीवाल पर ईमाकार्यकर्ताओं का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था और खुद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
8- शाजिया इल्मी
शाजिया इल्मी पत्रकारिता से अन्ना आंदोलन में आई और वह आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं थीं। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में उनको भी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने केजरीवाल पर आतंरिक लोकतंत्र नहीं बनाने का आरोप लगाने के बाद पार्टी से खुद को अलग कर लिया था।
9-विनोद कुमार बिन्नी
आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार में सबसे पहले विरोध की आवाज उठाने वाले विनोद कुमार बिन्नी ही थे। वह आप से लक्ष्मीनगर से चुनाव भी जीते थे। 2013 में वह मंत्रालय बंटवारे से नाखुश हुए थे। इसके बाद 2014 में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था।
10- कपिल मिश्रा
2017 में दिल्ली की आप सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे कपिल मिश्रा से उनका मंत्रालय ले लिया गया था। इसके बाद पार्टी के ऊपर उन्होंने कई तरह के आरोप भी लगाए थे जिसके परिणाम ये हुआ था कि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया गया था।
11-सुच्चा सिंह
आदमी आदमी पार्टी का पंजाब में एक मुख्य चेहरा माने जाने वाले सुच्चा सिंह भी पार्टी छोड़ने वालों की लिस्ट में शामिल हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बटवारे के कारण वह पार्टी से खासा नाराज हो गए थे। इसके बाद 2016 में उन्होंने पार्टी से अलविदा कहा था।
12- मेधा पाटकर
मेधा पाटकर भी आप की एक मुख्य चेहरा थीं। उन्होंने 2015 मे ही आप से खुद को अलग कर लिया था। पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने कहा था कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रति अशिष्टता दर्शाता है और इससे आसार सही नहीं लग रहे, जिसके कारण मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है।
13-एडमिरल रामदास
2015 में ही प्रशांत भूषण के बाद उन्होंने पार्टी से अलविदा कहा था। आप से प्रशांत भूषण की छुट्टी करने के बाद केजरीवाल ऐंड टीम ने आप' के आंतरिक लोकपाल ऐडमिरल रामदास को पद से हटा दिया था। प्रशांत भूषण को भी राष्ट्रीय अनुशासन समिति के प्रमुख के पद से हटा दिया गया था।