कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है और इस कारण अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उनके गृह राज्य पहुंचाया जा रहा है। दिल्ली से बिहार जाने वाले मजदूरों के किराए को लेकर बिहार सरकार से रिस्पॉन्स नहीं मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने ट्रेन का किराया देने का फैसला किया है।
बताया जा रहा है कि बिहार सरकार ने दिल्ली में फंसे बिहार के प्रवासी मजदूरों के ट्रेन के किराए को लेकर कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने मजदूरों के ट्रेन के किराए का भुगतान करने का फैसला किया है।
आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, भाजपा सरकार ने घोषणा की राज्यों में जाने वाली ट्रेनों का खर्च 85 प्रतिशत केंद्र सरकार देगी और 15 प्रतिशत राज्य सरकार देगी, लेकिन दिल्ली से बिहार जाने वाली ट्रेन का खर्च दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार दे रही है, बिहार सरकार नहीं। हम पहले भी बिहार-यूपी के लोगों के साथ थे और आगे भी खड़े रहेंगे।"
बता दें कि गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को गृह राज्य जाने की अनुमति दे दी और उन्हें भेजने के लिए केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया। वहीं केंद्र ने फैसला किया कि प्रवासी मजदूर जिस राज्य के रहने वाले हैं वहां की सरकार 15 प्रतिशत किराए का भुगतान करेगी, जबकि बाकी 85 प्रतिशत किराया केंद्र सरकार वहन करेगी।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से शुक्रवार को बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन रवाना हुई, जिसमें 1200 फंसे मजदूरों को बिहार भेजा गया। इस ट्रेन में 24 कोच हैं और हर कोच में करीब 50 यात्री हैं।
दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह प्रवासी मजदूरों का किराया वहन करेगी। श्रम मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सभी यात्रियों का किराया दिल्ली सरकार उठाएगी। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट कर कहा, "दूसरी श्रमिक स्पेशल ट्रेन दिल्ली से मुजफ्फरपुर रवाना हुई। इस रेलगाड़ी में 1200 यात्री हैं।"