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पीएम नरेंद्र मोदी की मिदनापुर रैली के दौरान गिरा पंडाल, 30 लोग जख्मी, भाषण खत्म कर अस्पताल पहुंचे पीएम

By आदित्य द्विवेदी | Updated: July 16, 2018 14:22 IST

पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में पीएम मोदी की किसान रैली में गिरा पंडाल का एक हिस्सा। 22 लोग घायल हो गए। पीएम कर रहे थे नीचे उतरने की अपील...

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कोलकाता, 16 जुलाईः पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के दौरान पंडाल का एक हिस्सा गिर पड़ा। इससे 30 लोग घायल हो गए। उन्हें आनन-फानन अस्पताल पहुंचाया गया। जनसभा को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री सीधे अस्पताल पहुंचे और घायलों का हाल जाना। इससे पहले जनसभा को संबोधित करते हुए भी पीएम लगातार कुछ उपद्रवी लोगों को नीचे उतरने की हिदायत दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने डांट भी लगाई लेकिन लोग नहीं माने। पीएम ने एसपीजी के जवान को कुछ निर्देश दिए और भाषण शुरू कर दिया। भाषण खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री अस्पताल पहुंचे और घायलों का हाल जाना। सभा स्थल पर फैले चप्पल और जूते अफरा-तफरी की गवाही दे रहे हैं। अधिक पढ़ेंः- पश्चिम बंगालः पीएम मोदी ने मिदनापुर में CM ममता की ली ऐसे चुटकी, कहा-पोस्टर के लिए हृदय से आभार

पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत ही ममता बनर्जी पर हमले से की। उन्होंने कहा, 'मैं ममता दीदी का आभारी हूं क्योंकि मैंने देखा कि आज मेरे स्वागत में उन्होंने इतने झंडे लगाए और इसलिए भी कि स्वयं हाथ जोड़कर पीएम के स्वागत के लिए अपने होर्डिंग लगा लिए।' यह भी पढ़ेंः- पीएम मोदी की किसान रैली में अफरा-तफरी, डांट से नहीं माने लोग तो लगवाए वंदे मातरम के नारे!

पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातेंः-

बंगाल में हुए पंचायत के चुनावों में हिंसा और आंतक का माहौल होने के बाबजूद जिस प्रकार से बंगाल की जनता ने भाजपा को समर्थन दिया है उसके लिए मैं जनता को धन्यवाद देता हूँ।

दशकों के वामपंथी शासन ने पश्चिम बंगाल को जिस हाल में पहुंचाया, आज बंगाल की हालात उससे भी बदतर होती जा रही है।

बंगाल में नई कंपनी खोलनी हो, नए अस्पताल खोलने हों, नए स्कूल खोलने हों, नई सड़क बनानी हो, बिना सिंडिकेट को चढ़ावा दिए, उसकी स्वीकृति लिए, कुछ भी नहीं हो सकता।

हमने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए बांस को पेड़ की जगह घास माना जिससे किसान खेत में उसे उगा सकता है और काट कर बेच सकता है। सिंडिकेट की मर्जी के बिना पश्चिम बंगाल में कुछ भी करना मुश्किल हो गया है।ये सिंडिकेट है जबरन वसूली का, ये सिंडिकेट है किसानों से उनका लाभ छीनने का, ये सिंडिकेट है अपने विरोधी की हत्या करने वालों का, ये सिंडीकेट है गरीब पर अत्याचार करने का।बंगाल में भाजपा के दलित कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया गया है। लोकतंत्र को लहू-लुहान कर दिया गया है।

दशकों के वामपंथी शासन ने पश्चिम बंगाल को जिस हाल में पहुंचाया, आज बंगाल की हालात उससे भी बदतर होती जा रही है।

मां-माटी और मानुष की बात करने वालों का पिछले 8 साल में असली चेहरा, उनका सिंडिकेट सामने आ चुका है।

किसान को लाभ नहीं, गरीब का विकास नहीं, नौजवान को नए अवसर नहीं, 'जगाई उन्नयन और मधाई उन्नयन' पश्चिम बंगाल की अब नई पहचान बनता जा रहा है। 

पीएम ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सत्ता में अनैतिक, गैरकानूनी कार्य करने में जुटे हुए हैं। बंगाल की नागरिक मुश्किल में है।  

किसान हमारे अन्नदाता हैं और गांव हमारे देश की आत्मा हैं। कोई भी देश और समाज आगे नहीं बढ़ सकता, अगर गांव अविकसित हों और किसान उपेक्षित हों।

पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने का ऐतिहासिक फैसला हमारी सरकार ने लिया है। 

पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को एमएसपी सही मिले इसके लिए किसान मांग करते रहे, आन्दोलन करते रहे लेकिन दिल्ली में बैठी सरकार ने किसानों की एक न सुनी

उन्होनें कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय, जिस प्रकार एक संकल्प लेकर उसे सिद्ध किया गया था, वैसे ही इस समय देश संकल्प से सिद्धि की यात्रा पर है। सवा सौ करोड़ भारतीय मिलकर न्यूइंडिया के अपने सपने को सच करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

पीएम ने कहा कि किसानों के लिए हमने इतना बड़ा फैसला किया है कि आज तृणमूल को भी इस सभा में हमारा स्वागत करने के लिए झंडे लगाने पड़े और उनको अपनी तस्वीर लगानी पडी ये भाजपा की नहीं हमारे किसानों की विजय है। देश आज परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है।

बता दें, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की 29 जून को पुरुलिया जिले में हुई जनसभा के महज 15 दिन बाद ही मिदनापुर में प्रधानमंत्री की यह रैली हुई है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि मिदनापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली यह बताती है कि लोकसभा चुनावों के लिये बंगाल हमारे सर्वोच्च प्राथमिकता वाले राज्यों में से एक है। उन्होंने कहा था कि हम न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिये प्रधानमंत्री मोदीजी को सम्मानित करना चाहते हैं। 

भगवा पार्टी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में अपनी स्थिति मजबूत की है और राज्य में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरी है और राज्य के हाल में हुये पंचायत चुनावों में उपचुनावों में वह मजबूत बनकर उभरी है। 

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