दिल्ली में एक शख्स ने पत्नी को कहा-तलाक-तलाक- तलाक, अरेस्ट
By भाषा | Published: August 10, 2019 08:18 PM2019-08-10T20:18:37+5:302019-08-10T20:18:37+5:30
पीड़िता की आजादा बाजार इलाके में रहने वाले आतीर शमीम से नवम्बर 2011 में शादी हुई थी। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) नूपुर प्रसाद ने बताया कि 23 जून को उसके पति ने उसे तीन तलाक दे दिया और इस संबंध में व्हाट्सएप पर एक फतवा भेजा। अधिकारी ने बताया कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी में एक व्यक्ति को अपनी पत्नी को ‘तीन तलाक’ देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि उत्तर दिल्ली के बाड़ा हिन्दू राव पुलिस थाने में शुक्रवार को दर्ज कराई शिकायत के बाद यह गिरफ्तारी की गई।
पीड़िता की आजादा बाजार इलाके में रहने वाले आतीर शमीम से नवम्बर 2011 में शादी हुई थी। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) नूपुर प्रसाद ने बताया कि 23 जून को उसके पति ने उसे तीन तलाक दे दिया और इस संबंध में व्हाट्सएप पर एक फतवा भेजा। अधिकारी ने बताया कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम 2019 के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
#UPDATE: Delhi's Tis Hazari Court has granted bail to the man who was arrested from Azad market area, earlier today, after his wife alleged that he gave her triple talaq. https://t.co/H2uuDXCYIg
— ANI (@ANI) August 10, 2019
दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद 24 नवंबर 2011 को शादी हो गई। चूंकि इस अरेंज मैरिज पर परिवार की रजामंदी थी तो वह मना नहीं कर सकी। 23 जून 2013 को उसने एक बेटे को जन्म दिया। इसके बाद ससुराल में एकाएक दहेज का दानव जाग उठा। पति आतिर शमीम जो कि लंबे समय से तलाक की धमकी दे रहा था, उसने 23 जून 2019 को तीन बार तलाक कहकर उसे घर से निकाल दिया। पीड़िता को समझ नहीं आ रहा था कि अब वह क्या करे। करीब एक माह बाद संसद ने तीन तलाक का बिल पास कर दिया।
बस, इसी से पीड़िता का हौसला बढ़ा और वह अबला से सबला बन गई। उसने पुलिस में जाकर अपने पति के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने 'दा मुस्लिम वूमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट ऑन मैरिज एक्ट' 2019 की धारा 4 के तहत केस दर्ज कर उसके पति को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बाद दिल्ली में यह पहली गिरफ्तारी है। पीड़िता ने पुलिस को बताया, उसके पति द्वारा तलाक दिए जाने के बाद वह मायूस हो चुकी थी। उसने अपने पति व ससुराल पक्ष के सदस्यों से बहुत विनती की थी कि उसके घर को टूटने से बचा लिया जाए।
हमारे समुदाय में उस वक्त कोई ऐसा कानून भी नहीं था कि जिससे ससुराल पक्ष पर दबाव बनाया जा सके। तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए ऐसी बातें चल रही थीं कि इस बार मानसून सत्र में यह बिल पास हो सकता है। बतौर पीड़िता, मैं पूरी तरह असमंजस में थी। समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करूं। शादी के बाद से ही पति (पुलबंगश, आजाद मार्केट निवासी) आतिर शमीम तंग करने लगा था। मैं सहती रही। बीच बचाव का बहुत प्रयास किया, लेकिन वह आए दिन तीन तलाक की धमकी दे देता। मजबूरन मुझे यह सब सहना पड़ा। समाज भी साथ देने को तैयार नहीं था। मैं इस शादी को टूटने से बचाना चाहती थी।
मुझे पता था कि इसके बाद जीवन बदल जाएगा। मेरी और मेरे परिवार की बदनामी न हो, मैं सहती रही। इस साल 23 जून को मेरा पति और ससुराल पक्ष के दूसरे लोग मेरे कमरे में आ गए। पति ने सबके सामने कहा, ये ले मैं तुझे तलाक देता हूं। हालांकि ससुराल पक्ष के लोग पहले से ही मेरे पति पर तलाक देने का दबाव डाल रहे थे। पति ने एक ही सांस में तीन बार तलाक बोलकर मुझे तलाक दे दिया। इतना ही नहीं, उस रात मुझे घर में भी नहीं रहने दिया।
मैं अपने बच्चे को साथ लेकर घर से बाहर निकल गई। उन्होंने मुझे रोका और कहने लगे कि बच्चे को यहीं छोड़ कर जा। मैं कहासुनी कर अपने बच्चे को साथ ले गई। जब अपने पिता के घर जो कि वजीराबाद में स्थित है, पहुंची तो वहां ताला लगा था। पता चला कि अभिभावक विदेश गए हुए थे। मैं अपने एक रिश्तेदार के यहां चली गई।