पतंग उड़ाने वाले माझे से होने वाली मौत नहीं रुक रही है। एक बच्ची अपने पिता के साथ बाइक से कहीं जा रही थी। दिल्ली स्थित खजौरी चौक के पास उसके गले में पतंग उड़ाने वाला मांझा फंस गया। पीड़ित बच्ची को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। आईपीसी की धारा 304A तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
पतंगबाजों का मांझा अब तक कई लोगों की जान ले चुका है। इसमें फंस कर अब तक देशभर में जहां हजारों लोगों की मौत हो चुकी है वहीं लाखों पक्षियों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी मांझे के इस्तेमाल पर कड़ाई से कार्रवाई होती नजर नहीं आती।
कई बार खानापूर्ति के लिए मांझा बेचने वाली दुकानों पर छापामारी होती लेकिन इसके बाद भी कभी भी कोई भी कहीं से भी आसानी से मांझा खरीद सकता है।
बीते 13, 14,और 15 अगस्त में ही इन्हीं 3 दिनों के भीतर मांझे की वजह से 600 से ज्यादा पक्षी घायल हो चुके हैं, जबकि 250 से ज्यादा पक्षियों की मौत हो गयी है। दिल्ली के खुले आसमान में उड़ रहे परिंदों पर चाइनीज मांझा कहर बनकर टूटा रहा है। कुछ पक्षी मांझे से कटकर सड़कों पर पड़े मिले तो कुछ उसी मांझे में ऊपर ही लटके दिखे।
जहां इंसानों का इलाज सही ढ़ंग से न हो पा रहा हो वहां पक्षियों के इलाज की परवाह किसे है। फिर भी कई लोग इन घायल पक्षियों को हॉस्पिटल पहुंचा देते हैं। जो पक्षी घायल हुए हैं उनका दिल्ली के चांदनी चौक के चैरिटी बर्ड्स अस्पताल में इलाज चल रहा है।
1913 में शुरू हुआ ये अस्पताल दिल्ली में पक्षियों के इलाज के लिए अकेला अस्पताल है। अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से हर रोज इलाके के लिए 70 से 80 पक्षी आ रहे हैं।
परिंदों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक 2018 के मुकाबले इस साल 15 अगस्त के मौके पर चाईनीज मांझे का शिकार ज्यादा पक्षी हुए हैं। इनमें गौरैया, तोता, मैना, कबूतर, चील, और दूसरे पक्षी हैं। पक्षियों की गर्दन और पंख मांझे की चपेट में आए। इनमें ज्यादातर पक्षी ऐसे हैं जो अब शायद ही उड़ पाएं।
बता दें कि दिल्ली में चाईनीज़ मांझे के प्रयोग और इसकी बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध है, लेकिन ये कई इलाकों में धड़ल्ले से बिकता है और बड़े पैमाने पर प्रयोग भी होता है।
इससे पहले एक बच्ची अपने चाचा के साथ बाइक से अपने किसी रिश्तेदार के यहां जा रही थी। अचानक मांझे में फंसने के कारण बाइक का बैलेंस बिगड़ गया और बाइक लड़खड़ा कर गिर गई। वहीं पास में लगी रेलिंग में टकराने से बच्ची की मौत हो गई।
रोहिणी सेक्टर-1 के कृष्ण विहार इलाके में परिवार सहित रहने वाले मानव शर्मा के लिए चाइनीज मांझा जानलेवा साबित हुआ। वह एक प्राइवेट कंपनी में सिविल इंजिनियर थे और 15 अगस्त को बहनों के साथ स्कूटर पर हरि नगर जा रहे थे। दोपहर में पश्चिम विहार से जनकपुरी की तरफ फ्लाईओवर पर उनकी गर्दन से मांझा लिपट गया। जब तक वह कुछ भी समझ पाते, उनकी गर्दन मांझे से कट चुकी थी।
अक्षरधाम फ्लाईओवर के पास 15 अगस्त की शाम में पांच साल का बच्चा चाइनीज मांझे से जख्मी हो गया। दरअसल, बच्चा अपने माता-पिता के साथ बाइक पर आगे बैठा हुआ था। मांझा गर्दन से लिपटा और खून निकलने लगा। गनीमत रही कि पिता ने फौरन गर्दन से बहते खून को रूमाल से रोक दिया और अस्पताल पहुंच गए। डाबड़ी फ्लाईओवर पर भी बुजुर्ग ओम प्रकाश का चेहरा चाइनीज मांझे के कारण जख्मी हो गया। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।