भारत की ऐतिहासिक बंदूकों की कहानी बयां करती एक पुस्तक को मिली संग्रहालय में जगह
By भाषा | Published: November 19, 2020 09:51 PM2020-11-19T21:51:04+5:302020-11-19T21:51:04+5:30
नयी दिल्ली, 19 नवंबर अंतरराष्ट्रीय शस्त्र विशेषज्ञ रॉबर्ट एलगुड ने अपनी नयी पुस्तक में ऐतिहासिक भारतीय हथियारों की कहानी बयां की है, जिसमें सर्वश्रेष्ठ भारतीय मैचलॉक , शिकार में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक ब्रिटिश और अमेरिकी बंदूकें, शॉटगन, रिवॉल्वर और स्वचालित पिस्तौल समेत मशहूर जोधपुरी संग्रह का विशेष रूप से वर्णन किया गया है।
वर्ष 1972 में जोधपुर-मारवाड़ के महाराजा गज सिंह ने महेन्द्रगढ़ के किले को एक राजपूत संग्रहालय तथा सांस्कृतिक केन्द्र में तब्दील कर दिया था। अब महेन्द्रगढ़ संग्रहालय न्यास ने एलगुड की पुस्तक ''द महाराजा ऑफ जोधपुर गन्स'' को संग्रहालय में जगह दी है।
पुस्तक के प्रकाशक नियोगी बुक्स के अनुसार इस पुस्तक के जरिये किसी अंतरराष्ट्रीय शस्त्र विशेषज्ञ ने पहली बार भारतीय हथियारों के इतिहास पर प्रकाश डाला है।
एलगुड ने कहा कि भारत में बारूद और बंदूकों का प्रारंभिक इतिहास काफी जटिल, स्थानीय, कई जगह संदिग्ध अथवा अस्पष्ट पाठ्य संबंधी प्रमाण पर निर्भर है।
पुस्तक में ऐतिहासिक लमचारों, शुतुरनालों, 17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच की बंदूकों, सिंधी जजाइलों और बलोचिस्तानी मैचलॉक बंदूकों आदि के बारे में बताया गया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।