93 वर्ष की ऐतिहासिक ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस का खास है इतिहास, जानें रेलगाड़ी के बारे में सबकुछ

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: April 1, 2022 10:25 IST2022-04-01T10:22:51+5:302022-04-01T10:25:24+5:30

अब यह ट्रेन 12615/12616 क्रमांक से देश की राजधानी नई दिल्ली और तमिलनाडु राज्य की राजधानी मद्रास (अब चेन्नई) के बीच प्रतिदिन चलती है। यह दूरी 2181 किलोमीटर है, जिसे तय करने में ट्रेन 35 घंटे 40 मिनट का समय लेती है।

93 Years of Historic Grand Trunk Express | 93 वर्ष की ऐतिहासिक ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस का खास है इतिहास, जानें रेलगाड़ी के बारे में सबकुछ

93 वर्ष की ऐतिहासिक ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस का खास है इतिहास, जानें रेलगाड़ी के बारे में सबकुछ

Highlightsट्रेन के लिए रेल लाइन की आपूर्ति अगले कुछ वर्षों के लिए ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे द्वारा की गई थी।अब यह ट्रेन पूरी तरह से विद्युत संचालित है।10 दिसंबर 2015 से यह ट्रेन नई दिल्ली के बजाय दिल्ली सराय रोहिल्ला में समाप्त होने लगी।

 डॉ. मधुकर हुरमाडे

ट्रेन का सुहाना सफर हर किसी को अच्छा लगता है। ट्रेन में बैठते ही मन खुशियों से झूम उठता है और मन में पुराना राजस्थानी लोकगीत 'चला चल रे डिलैवर गाड़ी हौले हौले, इंजन की सीटी में म्हारो मन डोले...' के बोल कानों में गूंज उठते हैं। हर एक व्यक्ति का परिचय रेलगाड़ी से है। ऐसी ही एक ट्रेन जो जीटी एक्सप्रेस के नाम से परिचित है, आज इस ट्रेन को चलते हुए 93 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

सुपर फास्ट ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस भारतीय रेल सेवा में सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक ऐतिहासिक ट्रेन है। आजादी के पहले 1 अप्रैल 1929 से ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस उत्तर पश्चिम रेलवे (ब्रिटिश भारत) पेशावर जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है और दक्षिण भारतीय रेलवे मंगलौर जो उस समय मद्रास प्रांत का हिस्सा था, के बीच चलाई गई थी। उस समय यह गाड़ी सबसे लंबी दूरी तय करने वाली रेलगाड़ी थी। यह दूरी तय करने में 104 घंटे लगते थे। 

इस ऐतिहासिक ट्रेन के परिचालन के कुछ ही दिन बाद 15 अक्तूबर 1929 से मंगलौर और पेशावर के बीच चलने वाली दो गाड़ियों को मेट्टुपालयम और दिल्ली के बीच चलाने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। 1 मार्च 1930 से इस सेवा का विस्तार लाहौर तक कर दिया गया था। इस ट्रेन में केवल 2 डिब्बे थे और यह यातायात आवश्यकताओं को पूरा करने में अपर्याप्त थे। 

इसके अलावा ट्रेन का शेड्यूल थ्रू कैरिज को ले जाने वाली ट्रेनों के शेड्यूल पर निर्भर करता था, सो निर्धारित समय से नियमित देरी से चलती थी। इसलिए एक संशोधन के साथ 1 सितंबर 1930 से संशोधित ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस मद्रास और दिल्ली के बीच दैनिक ट्रेन के रूप में चलने लगी। ट्रेन के लिए रेल लाइन की आपूर्ति अगले कुछ वर्षों के लिए ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे द्वारा की गई थी।

अब यह ट्रेन 12615/12616 क्रमांक से देश की राजधानी नई दिल्ली और तमिलनाडु राज्य की राजधानी मद्रास (अब चेन्नई) के बीच प्रतिदिन चलती है। यह दूरी 2181 किलोमीटर है, जिसे तय करने में ट्रेन 35 घंटे 40 मिनट का समय लेती है। इस बीच यह ट्रेन 39 स्टेशन और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और दिल्ली होकर गुजरती है। 

इस रेलगाड़ी में 22 डिब्बे हैं। यह ट्रेन ग्रैंड ट्रंक रूट पर चलती है। इसलिए इस ट्रेन का नाम ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस रखा गया है। अब यह ट्रेन पूरी तरह से विद्युत संचालित है। 10 दिसंबर 2015 से यह ट्रेन नई दिल्ली के बजाय दिल्ली सराय रोहिल्ला में समाप्त होने लगी। 12 मई 2018 से सराय रोहिल्ला को समाप्त होने वाली जीटी एक्सप्रेस को वापस नई दिल्ली कर दिया गया। ऐसी ऐतिहासिक ट्रेन आज भी यात्रियों की पसंदीदा है।

 

Web Title: 93 Years of Historic Grand Trunk Express

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