जम्मू कश्मीर से गायब हुई थी 90 कलाकृतियां, आज भी जांच टीम नहीं कर सकी हासिल

By सुरेश एस डुग्गर | Published: March 25, 2023 04:23 PM2023-03-25T16:23:11+5:302023-03-25T16:29:09+5:30

अधिकारियों द्वारा मुहैया करवाए गए रिकार्ड से पता चलता है कि इस बारे में कोई विवरण उपलब्ध नहीं है कि कब उन्हें जम्मू कश्मीर से बाहर ले जाया गया और दुनिया के अन्य हिस्सों में तस्करी की गई।

90 artefacts had gone missing from Jammu and Kashmir even today the investigation team could not find | जम्मू कश्मीर से गायब हुई थी 90 कलाकृतियां, आज भी जांच टीम नहीं कर सकी हासिल

फाइल फोटो: (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlights जम्मू-कश्मीर मूल की कई मूर्तियाँ हुई चोरीसालों से चोरी इन मूर्तियों को अब तक खोज कर निकाला नहीं जा सका है10 अगस्त 1973 को ये मूर्तियाँ चोरी हुई थी

श्रीनगर: अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर मूल की कम से कम 90 कलाकृतियां गायब हुई थीं वे इतने सालों के बाद भी अभी तक नहीं मिल पाई हैं।

इनमें 81 मूर्तियां, 5 पेंटिंग, एक पांडुलिपि के 5 पृष्ठ, 2 कश्मीर कालीन पुरावशेष और एक पृष्ठ सुलेख शामिल हैं। इन सभी मामलों में में रिपोर्ट दर्ज हैं पर अधिकतर को अब बंद कर दिया गया है।

अधिकारियों द्वारा मुहैया करवाए गए रिकार्ड से पता चलता है कि इस बारे में कोई विवरण उपलब्ध नहीं है कि कब उन्हें जम्मू कश्मीर से बाहर ले जाया गया और दुनिया के अन्य हिस्सों में तस्करी की गई।

वैसे मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर से चुराई गई कुछ कलाकृतियों को हाल ही में न्यूयार्क के मेट्रोपालिटन म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया है। जम्मू कश्मीर में लापता कलाकृतियों के संबंध में दर्ज कई प्राथमिकी धूल फांक रही हैं, इनमें से कुछ मामलों को पता नहीं के रूप में बंद कर दिया गया है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से प्राप्त आरटीआई के जवाब के अनुसार, 1998 में हरवन श्रीनगर से 11 फूलों की टाइलें गायब होने की सूचना मिली थी और 2008 में बारामुल्ला में फतेहगढ़ मंदिर से एक गंधर्व मूर्ति के गायब होने की सूचना मिली थी।

शाह-ए-हमदान (आरए) की एक लघु पेंटिंग 27 सितंबर 1969 को चोरी होने की सूचना मिली थी। तब से उस दुर्लभ लघुचित्र का कोई अता पता नहीं है। इसके अलावा, 11 सितंबर 2003 से मुगल बादशाह औरंगजेब की मोहर वाली पवित्र कुरान की एक प्रति गुमशुदा बताई जा रही है।

रिकार्ड बताते हैं कि एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी और मामला जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया था। हालांकि, इस संदर्भ में सीबीआई द्वारा भी एक अलग मामला दर्ज किया गया था। इन सभी मामलों को बाद में ट्रेस नहीं के रूप में बंद कर दिया गया था।

जम्मू कश्मीर के पुरावशेष निदेशालय, अभिलेखागार और संग्रहालय के अनुसार, लापता मूर्तियों की सूची में निम्न मूर्तियां शामिल हैं: बैठे बुद्ध (लकड़ी), स्टैंडिंग तारा (कांस्य), जैन तीर्थंकर (पीतल) और बुद्ध।

उनके रिकार्ड से पता चलता है कि ये पुरावशेष 10 अगस्त 1973 को चोरी हो गए थे और अप्रैल 1975 में, मामले को पता नहीं लगाया गया के रूप में टैग किया गया और बंद कर दिया गया।

सरकारी रिकार्ड लद्दाख से गायब हुई कलाकृतियों को भी दिखाते हैं। जानकारी के लिए 22 सोने की तांबे की मूर्ति और क्रिस्टल और हाथी के दांतों से बने दो स्तूप वर्ष 1998 में जंस्कार गोम्पा से चोरी होने की सूचना मिली थी। यह मामला भी ट्रेस नहीं किया गया के रूप में बंद कर दिया गया था।

Web Title: 90 artefacts had gone missing from Jammu and Kashmir even today the investigation team could not find

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