नई दिल्ली: देश में बढ़ते कोरोना रोगियों की संख्या और उसके नियंत्रण को मंत्री समूह की 17वीं बैठक हुई। इसमें कोरोना नियंत्रण के लिए देश के आठ राज्यों पर फोकस की रणनीति बनाई गई है। इन आठ राज्यों में देश के 85 फीसदी कोरोना संक्रमित रोगी हैं।
सरकार के लिए परेशानी की बात यह है कि जहां पहले 10 दिन में कोरोना के एक लाख पॉजिटिव मामले सामने आए थे, वहीं पिछले सप्ताह 8 दिन बाद एक लाख कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या बढ़ी थी अब पिछले छह दिनों में एक लाख कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं।
इसमें अच्छी खबर यह है कि कोरोना रोगियों का रिकवरी रेट बढ़कर 58.13 फीसदी पहुंच गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए नया नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल जारी किया है।
मिथाइलप्रेडनिसोलोन के विकल्प के रूप में डेक्सामेथासोन के उपयोग की सलाह दी गई-
नए प्रोटोकॉल में मध्यम से गंभीर मामलों के उपचार के लिए मिथाइलप्रेडनिसोलोन के विकल्प के रूप में डेक्सामेथासोन के उपयोग की सलाह दी गई है। यह बदलाव विशेषज्ञों से परामर्श के बाद किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल मिला कर 85.5 प्रतिशत सक्रिय मामले हैं और कुल मृत्यु में से इन राज्यों में 87 प्रतिशत मृत्यु के मामले बनते हैं। बनाने के लिए गुजरात,महाराष्ट्र और तेलंगाना में केंद्रीय दल दौरा कर रहे हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि देश में पिछले 24 घंटे में 2,20,479 कोविड-19 के नमूनों की जांच की गई हैं।
टेस्टिंग बढ़ने के कारण ही पिछले चौबीस घंटे में 18552 रिकॉर्ड कोरोना पॉजिटिव रोगी दर्ज किए गए हैं। अब तक कुल 79,96,707 नमूनों की जांच की गयी है। जिससे देश में 508953 कोरोना पॉजिटिव रोगियों की पहचान हुई है।
अब तक 295881 रोगी ठीक हो चुके हैं और 15685 की कोरोना से मौत हो चुकी है-
इनमें से 295881 रोगी ठीक हो चुके हैं और 15685 की कोरोना से मौत हो चुकी है। देश में कोविड-19 टेस्ट के लिए इस समय प्रयोगशाला की संख्या बढ़कर 1026 हो चुकी है। जिसमें 741 प्रयोगशालएं सरकारी हैं।
मंत्री समूह की बैठक में केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, नागरिक विमानन मंत्री हरदीप पुरी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे उपस्थित रहे।
इन्हें सूचित किया गया कि राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को बार-बार बताए जा रहे प्रमुख फोकस एरिया में कड़े नियंत्रण उपाय और सर्विलांस,आरोग्य सेतु जैसे डिजिडल टूल की मदद से उभरते हॉट्स स्पॉट का पूर्वानुमान, बाधा रहित रोगी दाखिला प्रक्रिया को सुनिश्चित करना, मृत्यु की संख्या में कमी लाने और ढांचागत (क्रिटिकल केयर बेड, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और लॉजिस्टिक्स) तैयारी पर फोकस करने की जानकारी साझा की गई।
डेक्सामेथासोन एक कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवा है:
डेक्सामेथासोन एक कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवा है जिसका उपयोग इसके प्रज्वलनरोधी और इम्यूनोसप्रेसेन्ट प्रभावों के लिए कई स्थितियों में किया जाता है। इस दवा का परीक्षण अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों के साथ रिकवरी क्लिनिकल परीक्षण में किया गया और गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए यह दवा फायदेमंद पाई गई।
यह दवा वेंटिलेटर पररखे गए रोगियों में मृत्यु दर को एक तिहाई तक कम करने और ऑक्सीजन थेरेपी से उपचार करा रहे रोगियों में मृत्यु दर को पांचवें हिस्से तक कम करने में सफल पाई गई। यह दवा आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची(एनएलईएम) में शामिल है और यह आसानी से हर जगह उपलब्ध है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को यह नया प्रोटोकॉल भेज दिया है ताकि वे इस नए प्रोटोकॉल और डेक्सामेथासोन दवा की उपलब्धता और उपयोग के लिए आवश्यक व्यवस्था कर सकें। राज्यों से संस्थागत स्तर पर भी इस दवा के इस्तेमाल के लिए कहा गया है।