गुलाम नबी आजाद की सुनामी में बह गए 64 कांग्रेसी नेता, रजनी पाटिल बोलीं, 'कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता'

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 30, 2022 17:30 IST2022-08-30T17:26:08+5:302022-08-30T17:30:08+5:30

जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद सहित कांग्रेस के 64 अन्य नेताओं ने नेतृत्व संकट का हवाला देते हुए और गुलाम नबी आजाद में अपना विश्वास जताते हुए कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

64 Congress leaders washed away in Ghulam Nabi Azad's tsunami, Rajni Patil said, 'Congress doesn't care' | गुलाम नबी आजाद की सुनामी में बह गए 64 कांग्रेसी नेता, रजनी पाटिल बोलीं, 'कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता'

फाइल फोटो

Highlightsगुलाम नबी आजाद द्वारा कांग्रेस छोड़ने के बाद जम्मू-कश्मीर में 64 नेताओं ने दिया इस्तीफा आजाद के समर्थन में कांग्रेस छोड़ने वालों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद भी हैं शामिल कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा कि इन नेताओं के जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है

जम्मू: गुलाम नबी आजाद की सुनामी में बहकर जम्मू-कश्मीर में 64 नेताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। हालांकि उनके द्वारा कांग्रेस से इस्तीफा दिए जाने पर कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर की प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा कि उनके जाने से कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।

दरअसल आज जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद सहित 64 अन्य कांग्रेसी नेताओं ने मंगलवार को नेतृत्व संकट का हवाला देते हुए और गुलाम नबी आजाद को समर्थन देते हुए कांग्रेस छोड़ दी, जिनके द्वारा इस सप्ताहांत की शुरुआत में एक नए राजनीतिक दल के शुभारंभ की उम्मीद की जा रही है।

कांग्रेस की जम्मू कश्मीर की प्रभारी रजनी पाटिल ने पार्टी छोड़कर गुलाम नबी आजाद के समर्थन में जाने वाले पार्टी नेताओं पर निशाना साधा है। पार्टी मुख्यालय शहीदी चौक जम्मू में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी का विरोध महंगाई के खिलाफ जारी है। जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने सहित अन्य मुद्दों पर संघर्ष करते हुए यह नेता कभी धरने-प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा पार्टी मजबूत होकर ऊपर उठकर सामने आएगी।

आज जो नेता कांग्रेस को छोड़कर गुलाम नबी आजाद के खेमे में शामिल हुए हैं, उनमें अब्दुल मजीद वानी, मनोहर लाल शर्मा, घरू राम और बलवान सिंह सहित अन्य नेता शामिल हैं। इन सभी ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। इस्तीफा देने के बाद बलवान सिंह ने कहा कि हमने आजाद के समर्थन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संयुक्त त्याग पत्र सौंपा है। उन्होंने आजाद की आवाज उठाई और कहा कि पार्टी के नेतृत्व के इर्द-गिर्द की एक मंडली सबसे गैर-जिम्मेदाराना तरीके से शाट्स को बुला रही है और कांग्रेस को बर्बाद कर दिया है।

जबकि तारा चंद ने कहा कि भाजपा नेताओं के भी आजाद खेमे में शामिल होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग भी आजाद ग्रुप में शामिल होने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। हम भी राज्य का दर्जा वापस चाहते हैं और फिर विकास, बेरोजगारी और दिहाड़ी मजदूरों के मुद्दे के अन्य मुद्दे हैं, जिन्हें अकेले आजाद द्वारा संबोधित किया जा सकता है।

तारा चंद ने कहा कि कांग्रेस को जम्मू कश्मीर और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष में प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए थी। हमारा नेतृत्व ठीक से काम नहीं कर रहा था और पार्टी कैडर का नेतृत्व नहीं कर रहा था। इसलिए हमने अलग होने का फैसला किया और आजाद से हमने आगे बढ़ने का अनुरोध किया। हमने उन्हें अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को आजाद जैसे नेता की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा, "आजाद ने हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया और आखिरकार कांग्रेस छोड़ दी क्योंकि पिछले दो साल से हम पार्टी में सुधार लाने की कोशिश कर रहे थे। उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। या तो पार्टी आलाकमान ने हमारी बात नहीं सुनी या नेतृत्व के आसपास की मंडली ने हमारी चिंताओं को नहीं बताया। जिसका नतीजा हुआ कि मतभेद बढ़ते रहे और आजाद अलग हो गये।"

Web Title: 64 Congress leaders washed away in Ghulam Nabi Azad's tsunami, Rajni Patil said, 'Congress doesn't care'

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