नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच हिंदुस्तान के लिए एक अच्छी खबर यह है कि जुलाई के अंत तक भारत को 6 लड़ाकू राफेल विमान मिल जाएगा। मिल रही जानकारी के मुताबिक, यह सभी विमान पूरी तरह से गोला-बारूद से लोडेड होगा। साफ है कि विमान के भारत पहुंचते ही इसे किसी भी समय दुश्मन के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
चीन से जारी विवाद के बीच राफेल का भारत पहुंचना बेहद महत्वपूर्ण है। खास कर चीन से यदि आने वाले समय में युद्ध होता है तो पूरा मामला वायु सेना के जांबाज अधिकारियों पर अधिक निर्भर करेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि गलवान घाटी में भारत के थल सेना को आगे बढ़ते हुए चीनी सेना को जवाब देने के लिए एयर फोर्स के मदद की जरूरत होगी। ऐसे समय में राफेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विशेष निवेदन पर समय से पहले फ्रांस देगा राफेल-
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा को लेकर लंबे समय से जारी तनाव के बीच फ्रांस जल्द भारत को राफेल विमानों की डिलीवरी करने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के 'विशेष निवेदन' के बाद फ्रांस इन विमानों को समय से पहले भारत भेजेगा। इस मामले से एएनआई ने ट्वीट कर सोमवार को यह जानकारी दी।
इसके अलावा, खबर है कि 'अंबाला एयरबेस पर 27 जुलाई को छह राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप आएगी। पहले चार विमानों को पहली खेप में आना था।लेकिन, अब 6 राफेल के पहुंचने की बात सामने आई है। हलांकि, इस मामले में भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता से जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से इनकार कर दिया है।
फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील हुई थी-
दरअसल, भारत ने सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील की थी। यह डील तकरीबन 59 हजार करोड़ रुपये की थी। इन विमानों के जरिए भारत की वायुसेना को और ताकत मिलेगी। मिल रही जानकारी के मुताबिक, लगभग 10 राफेल लड़ाकू विमान डसॉल्ट एविएशन द्वारा तैयार हैं।
संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी के पास अल ढफरा हवाई अड्डे पर एक स्टॉपओवर के साथ जुलाई-अंत में भारत में छह राफेल लड़ाकू विमानों के लाने की तैयारी चल रही है। इन विमानों को भारतीय पायलट उड़ाकर लाएंगे।'