42 प्रतिशत लड़कियों को दिन में एक घंटे से कम समय मोबाइल फोन उपयोग की इजाजत दी जाती है: सर्वेक्षण

By भाषा | Published: January 23, 2021 05:31 PM2021-01-23T17:31:53+5:302021-01-23T17:31:53+5:30

42 percent girls are allowed to use mobile phones less than one hour a day: Survey | 42 प्रतिशत लड़कियों को दिन में एक घंटे से कम समय मोबाइल फोन उपयोग की इजाजत दी जाती है: सर्वेक्षण

42 प्रतिशत लड़कियों को दिन में एक घंटे से कम समय मोबाइल फोन उपयोग की इजाजत दी जाती है: सर्वेक्षण

नयी दिल्ली, 23 जनवरी लगभग 42 प्रतिशत किशोरियों को एक दिन में एक घंटे से भी कम समय के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति मिलती है। अधिकांश अभिभावकों को यह लगता है कि मोबाइल फोन ‘‘असुरक्षित’’ हैं और ये उनका ध्यान भंग करते हैं। यह जानकारी एक नये सर्वेक्षण में सामने आयी है।

नयी दिल्ली के एक गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज (सी3) ने ‘डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन’ (डीईएफ) के साथ मिलकर भारत में युवा लड़कियों की डिजिटल पहुंच को समझने के लिए एक सर्वेक्षण किया जिसमें 10 राज्यों के 29 जिलों में 4,100 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया।

राष्ट्रीय बालिका दिवस से पहले जारी किए गए इस सर्वेक्षण में 10 राज्यों असम, हरियाणा, कर्नाटक, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 4,100 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया। इसमें चार प्रमुख हितधारक समूहों-किशोरियों, परिवार के सदस्यों, शिक्षकों और दस राज्यों में सामुदायिक संगठनों (जैसे गैर सरकारी संगठनों) के प्रतिनिधि शामिल थे।

सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत में किशोरियों के लिए डिजिटल उपकरणों तक पहुंच का एक संकट है।

इसमें कहा गया है, ‘‘राज्य दर राज्य में पहुंच में अंतर है। कर्नाटक में जहां किशोरियों को अधिकतम 65 प्रतिशत डिजिटल या मोबाइल उपकरणों तक आसान पहुंच प्राप्त है। लड़कों की पहुंच सुगम है। हरियाणा में, इस मामले में लैंगिक अंतर सबसे अधिक है जबकि तेलंगाना में डिजिटल पहुंच वाले लड़कों और लड़कियों के बीच अंतर सबसे कम (12 प्रतिशत) है।’’

सर्वेक्षण में कहा गया है कि परिवार का दृष्टिकोण और पूर्वाग्रह लड़कियों को डिजिटल उपकरण का उपयोग करने के लिए दिए गए समय को प्रतिबंधित करता है। 42 प्रतिशत लड़कियों को एक दिन में एक घंटे से भी कम समय के लिए मोबाइल फोन तक पहुंच की अनुमति दी जाती है।

सर्वेक्षण में पाया गया कि 65 प्रतिशत शिक्षक और 60 प्रतिशत सामुदायिक संगठनों का कहना है कि डिजिटल तकनीक तक पहुंच में लड़की होना एक कारक है। अधिकांश माता-पिता को लगता है एक मोबाइल फोन ‘‘असुरक्षित’’ है और यह किशोरियों का ध्यान प्रतिकूल तरीके से ध्यान बंटाता है।

सर्वेक्षण में पाया गया कि जब परिवार और किशोर स्मार्टफोन, कंप्यूटर या अन्य डिजिटल उपकरणों का खर्च उठा सकते हैं, तो ऐसे उपकरणों के उपयोग में परिवार के पुरुष सदस्य को हमेशा ही प्राथमिकता दी जाती है।

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Web Title: 42 percent girls are allowed to use mobile phones less than one hour a day: Survey

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