शिलांग, 04 जूनः मेघालय की राजधानी शिलांग में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। रविवार देर रात 400 प्रदर्शनकारियों ने सीआरपीएफ कैंप पर जमकर पत्थरबाजी की। यह पत्थरबाजी कर्फ्यू में ढील दिए जाने के बाद की गई, जिसके बाद सोमवार को आईजी सीआरपीएफ प्रकाश डी ने कहा, 'हम आमजन से अपील करते हैं कि वे कानून को अपने हाथ में न लें और बातचीत से मुद्दे का हल निकालें।'
इससे पहले शिलांग के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू में ढील दी गई। इस बीच, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने कहा कि गुरूवार को भड़की हिंसा स्थानीय मुद्दे की वजह से हुई थी और यह सांप्रदायिक प्रकृति की हिंसा नहीं थी। पंजाबी लाइन में रहने वाले लोगों और खासी समुदाय से संबंध रखने वाले सरकारी बस कर्मियों के बीच हुई झड़पों के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल के नेताओं की एक टीम दिल्ली से यहां पहुंची।
अधिकारियों ने बताया था कि पूर्वी खासी हिल्स जिले के अधिकारियों ने रविवार को सुबह आठ बजे से दोपहर तीन बजे तक कर्फ्यू में ढील दी ताकि गिरजाघर जाने वाले लोग रविवार की प्रार्थना में हिस्सा ले सके।
संगमा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया, 'समस्या एक खास इलाके में एक खास मुद्दे को लेकर हुई। दो समुदाय इसमें शामिल थे, लेकिन यह सांप्रदायिक प्रवृति की चीज नहीं थी। निहित स्वार्थ वाले संगठनों और राज्य से बाहर की मीडिया के एक हिस्से ने शिलांग में हुई झड़पों को सांप्रदायिक रंग दिया।'
सीएम संगमा ने कहा कि हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोग पूर्वी खासी हिल्स जिले से बाहर के थे। शिलांग पूर्वी खासी हिल्स जिले में ही है। उन्होंने कहा कि हिंसा का वित्तपोषण कर रहे लोगों का पता लगाया जा रहा है।
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