जोजिला सुरंग का 40 प्रतिशत निर्माण कार्य हुआ पूरा, प्रतिकूल स्थितियों के चलते समयसीमा 2030 तक पहुंची
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 30, 2023 05:56 PM2023-07-30T17:56:28+5:302023-07-30T17:58:50+5:30
यह सुरंग जोजिला दर्रे को पार करने में लगने वाले समय को चार घंटे से घटाकर महज 15 मिनट कर देगी। बताया जाता है कि यह एशिया की अपनी तरह की सबसे लंबी सुरंग होगी और सबसे अधिक ऊंचाई पर होगी। अधिकारियों ने बताया कि 13 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का 40 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
द्रास: हर तरह के मौसम में कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच संपर्क सुविधा प्रदान करने वाली जोजिला सुरंग के बनकर तैयार होने की समयसीमा को कठिन भौगोलिक स्थिति और मौसम संबंधी चुनौतियों के चलते बढ़ा दिया गया है। अधिकारियों ने यह बात कही। प्रतिकूल स्थितियों के चलते समयसीमा 2030 तक पहुंच गई है।
अधिकारी ने बताया कि यह सुरंग जोजिला दर्रे को पार करने में लगने वाले समय को चार घंटे से घटाकर महज 15 मिनट कर देगी। बताया जाता है कि यह एशिया की अपनी तरह की सबसे लंबी सुरंग होगी और सबसे अधिक ऊंचाई पर होगी। अधिकारियों ने बताया कि 13 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का 40 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है लेकिन भौगोलिक स्थिति और मौसम ऐसी चुनौतियां खड़े कर रहे हैं कि बाकी काम में इतना अधिक समय लग रहा है।
सीमा सड़क संगठन के कैप्टन आई के सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘यह हिमस्खलन के जोखिम से भरा क्षेत्र है। मौसम और भौगोलिक स्थिति के कारण उत्पन्न कठिनाइयों के चलते निर्माण कार्य कई बार रोकना पड़ा। यह सुरंग दिसंबर, 2026 तक बनकर तैयार हो जानी थी। लेकिन अब चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसकी समयसीमा बढ़ाकर दिसंबर, 2030 कर दी गई है।’
श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे पर यह सुरंग परियोजना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यह राजमार्ग भारी हिमपात के कारण सर्दी के मौसम में बंद रहता है जिससे लद्दाख क्षेत्र का कश्मीर से संपर्क कट जाता है। यह सुरंग इस बाधा को दूर करेगी तथा लद्दाख के लिए सभी मौसमों में संपर्क प्रदान करने वाली साबित होगी। यह सुरंग मध्य कश्मीर में गांदेरबल जिले के बालटाल से लद्दाख के करगिल जिले के मिनिमार्ग तक होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में जोजिला सुरंग की आधारशिला रखी थी। मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 6,800 करोड़ रुपये की लागत से इस सुरंग के निर्माण, संचालन एवं रखरखाव की मंजूरी दी थी।
(इनपुट - भाषा)